
65 वर्षीय मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा के बाद से ही उनके फैंस के बीच खुशी की लहर है. इस घोषणा के बाद मोहनलाल मां का आशीर्वाद लेने के लिए कोच्चि में अपने घर पहुंचे. कोच्चि एयरपोर्ट पर उन्होंने मीडिया को भी संबोधित किया. अभिनेता मोहनलाल कोच्चि के नेदुम्बसरी हवाई अड्डे पर उतरे और सीधे राजीव नगर रोड, एलमक्कारा स्थित अपने निवास ‘श्री गणेश' पहुंचे. वहां उन्होंने अपनी मां शांताकुमारी अम्मा से मुलाकात की और कुंदनूर स्थित अपने फ्लैट में जाने से पहले उनका आशीर्वाद लिया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी डेब्यू फिल्म शूट के 25 साल बाद सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. .
400 फिल्मों में किया काम
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके मोहनलाल साढ़े चार दशकों से दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं. मलयालम से लेकर तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों तक में उनका जलवा देखने को मिला है. मोहनलाल ने 47 साल के अपने करियर में 400 से अधिक फिल्मों में अब तक काम किया है. वहीं अब उनकी अपकमिंग फिल्म वृषभ दीवाली पर रिलीज को तैयार है.
डेब्यू फिल्म को रिलीज होने में लगे 25 साल
सुपरस्टार मोहनलाल ने 18 की उम्र में 1978 में मलयालम फिल्म थिरानोत्तम से डेब्यू किया था. लेकिन फिल्म सेंसरशिप के कारण 25 साल बाद सिंगल थियेटर में रिलीज हुई. हालांकि 1980 में रोमांटिक फिल्म मंजिल वर्जिनिया पुक्कल से मोहनलाल ने विलेन के रोल में डेब्यू किया.
बता दें, हवाई अड्डे पर मोहनलाल ने मीडिया बात करते हुए कहा, "यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं है, यह मलयालम सिनेमा का सम्मान है. मैं यह पुरस्कार उस उद्योग को समर्पित करता हूं, जिसने मुझे आकार दिया और उन लोगों को, जिन्होंने इस 48 साल के सफर में मेरा साथ दिया. इस दौरान मोहनलाल भावुक हो गए. उन्होंने ईश्वर, अपने माता-पिता, अपने देश और उस समिति के प्रति आभार व्यक्त किया, जिसने उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना. मोहनलाल ने कहा, “यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी खुशी है. मैं ईश्वर, अपने प्रशंसकों, अपने माता-पिता और इस देश का हर चीज के लिए शुक्रिया अदा करता हूं. मैं उन सभी लोगों के प्यार और प्रार्थनाओं को सबसे बढ़कर याद करता हूं जो इन वर्षों में मेरे साथ रहे. इससे अगली पीढ़ी को बड़े सपने देखने और कड़ी मेहनत करने का प्रोत्साहन मिलेगा. मैं कामना करता हूं कि मलयालम सिनेमा और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करते रहे.”
मोहनलाल की अद्वितीय बहुमुखी प्रतिभा और अथक समर्पण ने भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक स्वर्णिम मापदंड स्थापित किया है. इसलिए उन्हें सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है. यह पुरस्कार 23 सितंबर को 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं