बात 1990 की है. सलमान खान की एक फिल्म बन रही थी. फिल्म के लिए सलमान खान को तो फाइनल कर लिया गया था. लेकिन उनकी हीरोइन अभी तय नहीं हुई थी. निर्माताओं को नए चेहरे की तलाश थी. फिल्म के निर्माताओं ने अखबारों में इश्तिहार दिया. लिखा गया कि अगर आप सलमान खान की हीरोइन बनना चाहती हैं तो अपनी फोटो और जानकारी डायरेक्टर के ऑफिस भेजें. दिल्ली की नवोदिता शर्मा ने भी इसके लिए अपनी फोटो और जानकारी भेजी. नवोदिता को फिल्म के डायरेक्टर के ऑफिस से कॉल आया कि उन्हें सिलेक्ट कर लिया गया है. उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. इस तरह दिल्ली की नवोदिता शर्मा सलमान खान की हीरोइन चांदनी बन गईं. फिल्म का नाम था ‘सनम बेवफा' और फिल्म के डायरेक्टर सावन कुमार टाक. 'सनम बेवफा' में सलमान खान और चांदनी के अलावा प्राण, डैनी, पुनित इस्सार और पंकज धीर नजर आए थे.
सलमान खान और चांदनी की इस जोड़ी ने ‘सनम बेवफा' के जरिये बॉक्स ऑफिस पर तूफान ला दिया और फिल्म ने सिल्वर जुबली मनाई. फिल्म के गानों ने तो सारे रिकॉर्ड ही तोड़ डाले. ‘सनम बेवफा' के गाने ‘मुझे अल्लाह की कसम' तो ऐसा पॉपुलर हुआ कि हर किसी की जुबां पर चढ़ गया. इस गीत को विपिन सचदेवा और लता मंगेशकर ने गाया जबकि इसका म्यूजिक महेश-किशोर ने दिया था, इसके बोल सावन कुमार टाक ने लिखे थे. दिलचस्प यह है कि फिल्म का म्यूजिक देने वाले महेश शर्मा और किशोर शर्मा पहले उषा खन्ना के असिस्टेंट रह चुके थे. सनम बेवफा फिल्म से ही उन्होंने बतौर म्यूजिक डायरेक्टर डेब्यू किया था और फिल्म सुपरहिट रही थी. महेश किशोर ने ‘बलवान', ‘खलनायिका' और ‘एक ही रास्ता' जैसी फिल्मों में भी संगीत दिया.
‘सनम बेवफा' की कामयाबी का अंदाजा इसके बॉक्स ऑफिस आंकड़ों से भी लगाया जा सकता है. 90 लाख रुपये के बजट में बनी फिल्म ने लगभग 14 करोड़ रुपये का कारोबार किया. ‘सनम बेवफा' पाकिस्तान की 1985 की हिट फिल्म ‘हक मेहर' का रीमेक थी. सनम बेवफा की गिनती हिंदी सिनेमा की सबसे कामयाबी फिल्मों में की जाती है.
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