रीमेक फिल्मों में काम नहीं करना चाहते हैं सनी, बोले- मूल फिल्म की एक आत्मा होती है 

सनी देओल ने अपने चार दशक के लंबे करियर में कुछ को छोड़कर रीमेक फिल्मों में काम करने से काफी दूर रहे. सनी ने बताया कि वह रीमेक फिल्मों को लेकर उदासीन हैं.

रीमेक फिल्मों में काम नहीं करना चाहते हैं सनी, बोले- मूल फिल्म की एक आत्मा होती है 

सनी देओल अलग अलग जॉनर की फिल्मों में करना चाहते हैं काम

नई दिल्ली :

सनी देओल ने अपने चार दशक के लंबे करियर में कुछ को छोड़कर रीमेक फिल्मों में काम करने से काफी दूर रहे. उन्होंने निगाहें और यमला पगला दीवाना 2 और अपकमिंग फिल्में अपने 2 और गदर 2 के सीक्वल में काम कर रहे हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में सनी ने बताया कि वह रीमेक फिल्मों को लेकर उदासीन हैं. सनी ने 1983 में बेताब से डेब्यू किया था. शुरुआती दिनों वर्षों में वह अर्जुन, घायल, बॉर्डर और गदर समेत कई फिल्मों में नजर आए. उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में स्वीकार किया कि वह 'ओरिजिनल और फ्रेश' कंटेंट की तलाश में रहते हैं, जो उन्हें रीमेक नहीं देता.

पिंकविला से बात करते हुए सनी ने कहा, "मैं हमेशा कुछ अलग ढूंढता हूं. मैं रीमेक बनाने से तंग आ चुका हूं. मैंने उनमें से एक या दो किया होगा, लेकिन, मुझे कुछ नया पसंद है. ज्यादातर बार जब हम रीमेक करते हैं, तो वे गड़बड़ हो जाते हैं क्योंकि मूल फिल्म में एक आत्मा होती है, वह रीमेक में हम चूक जाते हैं.”

एक्टर ने कहा कि वह भाग्यशाली थे कि उन्हें 80 के दशक में अलग और नई फिल्में मिलीं. उन्होंने कहा, “जब मैं इंडस्ट्री में आया, मेरे पिताजी धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, शत्रु जी (शत्रुघ्न सिन्हा), ये सभी एक्टर्स थे. सिनेमा एक अलग जॉनर का था. और मैंने बेताब से डेब्यू किया. बाद में जिन फिल्मों में काम किया, उस दौर की सभी फिल्मों में काम करने में मजा आया. मैं भाग्यशाली था कि निर्देशक और लेखक फिल्म पर काफी ध्यान देते थे. उन्हें मैं मिला और वो मुझे मिले. 

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बता दें कि सनी जल्द ही 'चुप: रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट' में नजर आने वाले हैं, जिसमें उन्होंने एक पुलिस वाले की भूमिका निभाई है. आर बाल्की की फिल्म में दुलकर सलमान और श्रेया धनवंतरी भी हैं. यह 23 सितंबर को रिलीज होने वाली है.