'शोले' बॉलीवुड की उन फिल्मों में से एक है जिसका एक-एक सीन और एक एक डायलॉग फैंस को अब तक याद है. इस फिल्म के हर किरदार के डायलॉग आम जिंदगी में भी लोग यूं रिपीट करते हैं जैसे वो उनके लिए ही बने हुए हों. फिर चाहें वो गब्बर का फेमस डायलोग हो, 'कितने आदमी थे' या जय का कमेंट 'तुम्हारा नाम क्या है बसंती' या वीरू का गुस्सा कि 'बसंती इन कुत्तों के सामने मत नाचना'. इस फिल्म का छोटे से छोटा कैरेक्टर भी हिट रहा. कालिया, सांभा से लेकर अहमद और इमाम साहब तक हर किरदार बच्चे बच्चे की जुबान पर रहे. इस फिल्म के डिलीटेड सीन भी खूब खंगाले जाते हैं. ऐसा ही एक सीन है अहमद और गब्बर से जुड़ा जो फिल्म में कभी दिखाया ही नहीं गया.
नौकरी की खातिर इमाम साहब का बेटा अहमद गांव से बाहर निकलता है, लेकिन गांव में उसकी नौकरी की खबर आने की जगह उसकी लाश लौट कर आती है. ये सीन तो पूरी फिल्म में दिखाया गया है, लेकिन असल में मेकर्स इस सीन से पहले गब्बर के हाथों उसकी मौत होने का सीन भी फिल्माया था. लेकिन उस सीन को फिल्म में नहीं डाला गया. हो सकता है कि फिल्म की लेंथ को देखते हुए ये फैसला लिया गया हो, क्योंकि फिल्म की लैंथ स्टैंडर्ड लैंथ से काफी ज्यादा थी.
यूट्यूब पर शोले मूवी के डिलीटेड सीन के कुछ वीडियो अपलोड हैं. उन्हीं में से एक में ये सीन नजर आता है, जब अहमद गांव छोड़ कर निकलता है. और, गब्बर के आदमी उसे पकड़कर गब्बर के सामने पेश करते हैं. गब्बर अपने अड्डे पर चट्टानों पर लेटा नजर आता है. बगल में ही मद्दी आंच पर मुर्गा सिक रहा होता है. वहीं पर गब्बर पहले अहमद को मारता है. और फिर मुर्गा पकाने वाली सलाख लेकर उसके पीछे बैठा नजर आता है, जिससे ये अंदाजा लगाया जाता है कि गब्बर वो सलाख घोंप कर अहमद की जान ले लेता है. जिसके बाद अहमद की लाश को गांव पहुंचा दिया जाता है.
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