धुले-पुछे, साफ सुथरे हैंडसम लुक वाले एक्टर्स तो कई आए. लेकिन चेहरे पर कट के निशान और बिहारी ठसक के साथ पूरे बॉलीवुड पर छा जाने वाला सितारा एक ही है. जिसे लोगों ने हर रोल में सिर आंखों पर बिठाया. विलेन बने तो हर डायलॉग पर थिएटर तालियों से गूंज गया. हीरो बन कर पर्दे पर आए तब भी दमदार वन लाइनर्स ने लोगों के दिलों में घर बना लिया. बॉलीवुड के लिए बनाई गई उस दौर के हीरो की डेफिनेशन में कहीं फिट नहीं बैठते थे शत्रुघ्न सिन्हा, लेकिन उन्हें खारिज करने की ना तो बॉलीवुड और न ही दर्शक एक भी वजह ढूंढ सके. वो अपने अंदाज में हिट हुए और हिट रहे.
ये वो दौर था जब पर्दे पर अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, विनोद खन्ना जैसे हीरोज का राज था. शत्रुघ्न सिन्हा ने उस दौर में उनके बीच न सिर्फ कामयाबी हासिल की, बल्कि अपने अंदाज, डायलॉग और स्टाइल के लिए अलग पहचान भी रखते रहे. 'जली को आग कहते हैं, बुझी को खाक कहते हैं...., श्याम आए तो कहना छेनू आया था...., खामोश...SSSS- इस तरह के डायलॉग्स कहे उन्हें भी बरसों बीत गए. पर, आज भी ये डायलॉग ऐसे लगते हैं मानों कल ही सुने हों. शत्रुघ्न सिन्हा का स्टाइल जितना जुदा था उतना ही दिलचस्प रहा उनका सफर. फिल्मों में आने से लेकर शादी करने तक.
पिता डॉक्टर बनाना चाहते थे, बन गए एक्टर
शत्रुघ्न सिन्हा के पिता चाहते थे कि वो अपने दूसरे भाइयों की तरह डॉक्टर या इंजीनियर बनें. लेकिन शत्रुघ्न का इरादा कुछ और ही था. उन्हें वो नौकरी कतई पसंद नहीं थी जो पिता चाहते थे. इसलिए पिता से आंख बचाकर पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट का फॉर्म भर दिया. बड़े भाई ने गार्जियन बनकर फॉर्म साइन किया और बिहारी बाबू, शॉटगन बनने मुंबई चले आए.
धर्मेन्द्र से मिली अनोखी सलाह
जिसकी रौबदार आवाज से विलेन थरथर कांपा करते थे वो शत्रुघ्न सिन्हा एक गाने का शूट करने से डर रहे थे. गाना था 'शोर मच गया शोर- देखो आया माखन चोर...' इससे पहले शत्रुघ्न सिन्हा कई गाने और फिल्म कर चुके थे. लेकिन पब्लिक के बीच जाकर इस गाने की शूटिंग में उनके पसीने छूट रहे थे. इस डर के बीच दोस्त धर्मेंद्र की सलाह काम आई. धर्मेंद्र ने कहा पेग लगाओ और काम पर लग जाओ. शत्रुघ्न ने इस सलाह पर कितना अमल किया ये तो पता नहीं, लेकिन उनका काम बन गया.
अमिताभ से अदावत
अमिताभ बच्चन सदी के महानायक रहे. लेकिन पर्दे पर शत्रुघ्न सिन्हा और अमिताभ जब-जब साथ आए. शत्रुघ्न कभी उनसे कम नजर नहीं आए. अमिताभ को बराबरी से टक्कर देते रहे. दोनों ने दोस्ताना, काला पत्थर जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया, लेकिन इसी काले पत्थर ने दोनों के बीच दीवार भी खींच दी. खबरें ये भी हैं कि एक बार खुद शत्रुघ्न ने ये भी कहा कि अमिताभ को लग रहा है कि वो उनके हिस्से की शोहरत खींच ले जाते हैं. इसलिए अमिताभ उनके रोल्स कटाना या उन्हें फिल्मों से हटवाना चाहते हैं. जिसके बाद दोनों फिर पर्दे पर साथ नहीं दिखे. हालांकि वक्त और उम्र के साथ ये गिले शिकवे मिट गए.
ट्रेन में किया इजहार-ए-मोहब्बत
शॉटगन का ये अंदाज भी निराला ही रहा. उस दौर में मिस यंग इंडिया का खिताब जीत चुकी पूनम चंडीरमानी पर शत्रुघ्न का दिल आ गया. वैसे तो दोनों के बीच कई मुलाकातें हुई, लेकिन दिल की बात कहने का मौका शायद नहीं मिला. इस बीच एक मुलाकात चलती ट्रेन में हुई. ना मालूम क्यों, पर वही शत्रुघ्न को प्रपोज करने का सही वक्त लगा. उन्होंने कागज के एक टुकड़े पर पाकीजा का फेमस डायलॉग लिखा. अपने पैर जमीन पर मत रखिएगा. और उस एक लाइन के साथ पूनम को प्रपोज कर दिया था. इशारा साफ था शत्रुघ्न के दिल की जमीन पूनम के कदमों का इंतजार कर रही थी. पूनम ने हां कहा और बात आगे चल पड़ी.
अपनी ही शादी में लेट
पूनम से शादी के लिए शत्रुघ्न ने खूब पापड़ बेले. गोरी चिट्टी पूनम की मम्मी ने शत्रुघ्न के चेहरे के निशान और फिल्मों में उनके किरदार देखकर ही शादी कराने से इंकार कर दिया. पर, जैसे तैसे सबको मना लिया गया. शादी का दिन तय हुआ. कार्यक्रम भी शुरू हो गया. लेकिन लेटलतीफी की आदत कुछ ऐसी कि शत्रुघ्न तीन घंटे बाद अपनी शादी में पहुंचे. पर, वो कहते हैं न अंत भला तो सब भला. मोहब्बत को अपनी असल मंजिल मिल ही गई.
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