शमला हम्जा का नाम आज केरल ही नहीं, पूरे साउथ सिनेमा में चर्चा का विषय बन गया है. पलक्कड़ जिले के त्रिथाला की रहने वाली शमला कभी रेडियो पर अपनी आवाज से लोगों का दिल जीतती थीं, लेकिन अब उन्होंने पर्दे पर ऐसा कमाल दिखाया है कि सबकी नजरें उन्हीं पर टिक गईं. फिल्म 'फेमिनिची फातिमा' में उन्होंने एक ऐसी महिला का किरदार निभाया है जो घर की चार दीवारों में सिमटी है लेकिन भीतर एक तूफान लिए बैठी है. इस भूमिका ने उन्हें केरल स्टेट फिल्म अवॉर्ड्स में बेस्ट एक्ट्रेस का सम्मान दिला दिया है. उनकी एक्टिंग इतनी गहराई से भरी हुई थी कि दर्शक उन्हें पर्दे पर नहीं, अपने आसपास महसूस करने लगे.
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'फेमिनिची फातिमा' एक्ट्रेस शमला हम्जा
छह महीने की बेटी के साथ की शूटिंग
शमला हम्जा ने 'फेमिनिची फातिमा' की शूटिंग उस वक्त की जब उनकी बेटी सिर्फ 6 महीने की थी. लेकिन उन्होंने अपने मां होने की जिम्मेदारी को कभी बोझ नहीं बनने दिया. खुद उन्होंने बताया कि शूट के दौरान बच्ची को संभालना चुनौती भरा था, लेकिन निर्देशक फाजिल मुहम्मद और पूरी टीम ने उन्हें पूरा समय और सहयोग दिया. वो कहती हैं, 'मुश्किल जरूर था, लेकिन टीम ने मां होने की अहमियत समझी और हर कदम पर मेरा साथ दिया'.
महिलाओं की आवाज बनीं शमला हम्जा
शमला हम्जा फेमिनिची फातिमा में उन्होंने उन महिलाओं की उन भावनाओं को ज़ुबान दी है जो अक्सर चुप रह जाती हैं. यही वजह है कि आज शमला हम्जा सिर्फ एक अवॉर्ड जीतने वाली एक्ट्रेस नहीं, बल्कि उन लाखों महिलाओं की आवाज बन गई हैं जो चुप्पी में भी अपनी कहानी कहने का हुनर रखती हैं.

रेडियो जॉकी रह चुकी हैं शमला हम्जा
शमला हम्जा का फिल्मी सफर
शमला हम्जा मलयालम एक्ट्रेस हैं. वह एक्ट्रेस के अलावा गीतकार और लघु फिल्म निर्माता हैं. केरल के पलक्कड़ के थ्रिथला की रहने वाली शमला हम्जा रेडियो जॉकी भी रह चुकी हैं. इससे पहले वो '1001 नुनाकल' फिल्म में भी काम कर चुकी हैं.
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