शाहरुख खान इस समय भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े बॉक्स ऑफिस अट्रैक्शन हैं. वह चार साल के ब्रेक के बाद 2023 में बड़े पर्दे पर लौटे और फिर भी दो एवरग्रीन ब्लॉकबस्टर फिल्में दे डालीं. शाहरुख के पास सुपर स्टारडम की यह चमक करीब तीन दशकों से है. इसकी शुरुआत डीडीएलजे यानी कि दिलवाले दुल्हनिया से हुई थी. लेकिन ये साल शाहरुख के लिए उतना लकी भी नहीं था क्योंकि इसी साल शाहरुख ने एक बड़ी फ्लॉप फिल्म भी दी थी.
1995 में शाहरुख की सात फिल्में रिलीज हुईं थीं. इनमें डीडीएलजे और करण अर्जुन जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के अलावा जमाना दीवाना और गुड्डु जैसी फ्लॉप फिल्में भी शामिल हैं. लेकिन यह साल की आखिरी फिल्म थी जिसने शाहरुख के शानदार साल पर दाग लगाया था. ये फिल्म मुकुल एस आनंद की त्रिमूर्ति थी. 11 करोड़ रुपये के बजट पर बनी यह उस समय भारत की सबसे महंगी फिल्म थी. इसने अजूबा और शांति क्रांति को पीछे छोड़ दिया और यह रिकॉर्ड तब तक कायम रखा जब तक कि कमल हासन की इंडियन ने 15 करोड़ रुपये के प्रोडक्शन बजट के साथ इस रिकॉर्ड को नहीं तोड़ा. हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ कमाल नहीं कर पाई. इसकी हालत ऐसी थी कि ये बजट के पैसे भी वसूल नहीं कर पाई थी. इस फिल्म ने भारत में केवल 8 करोड़ रुपये कमाए थे. कमाल की बात ये है कि फिल्म ने ओपनिंग डे पर 1 करोड़ कमाए थे. लेकिन खराब रिव्यू और पब्लिक के नेगेटिव रिएक्शन के बाद पहले वीकएंड के बाद ही कलेक्शन में भारी गिरावट देखने को मिली.
शूटिंग के दौरान और उसके बाद भी आए थे कई चैलेंज
त्रिमूर्ति बदले की कहानी थी. इसमें शाहरुख, जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर तीन भाइयों के रोल में थे. साथ ही प्रिया तेंदुलकर और मोहन अगाशे भी अहम रोल में थे. हालांकि फिल्म की शूटिंग अनिल कपूर वाले रोल में संजय दत्त को साइन किया गया था. संजू बाबा के साथ शूटिंग शुरू भी हुई लेकिन अवैध हथियार मामले में दत्त के जेल जाने के बाद यह प्रोजेक्ट रुक गया था. संजय दत्त ने पहले ही कई सीन शूट कर लिए थे. फिर ऐन मौके पर अनिल कपूर को लिया गया. रिलीज की तारीख दिसंबर 1994 से दिसंबर 1995 तक के लिए पोस्टपोन कर दी गई. हालांकि प्रोडक्शन में देरी के कारण बजट बढ़ गया और फिल्म की चर्चा कम हो गई.
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