बंगाली गायक रूपांकर बागची ने कहा है कि केके के निधन से एक दिन पहले फेसबुक लाइव के दौरान उन्होंने जो कुछ कहा उसका मकसद दिवंगत कलाकार को नीचा दिखाना नहीं था. बागची ने फेसबुक पर कहा था पश्चिम बंगाल में बॉलीवुड से बेहतर गायक मौजूद हैं. कृष्णकुमार कुन्नथ, जिन्हें केके के नाम से जाना जाता था, उनका मंगलवार रात कोलकाता में निधन हो गया. केके के पिछले शो के वीडियो को देखने के बाद सोमवार शाम को फेसबुक लाइव के दौरान बागची ने दावा किया था वह (केके) एक अच्छे गायक हो सकते हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में उनसे बेहतर गाने वाले मौजूद हैं.
बागची ने कहा था, “मुझे लगता है कि हमारे पास सोमलता (आचार्य), ईमान (चक्रवर्ती), राघव (चटर्जी), उज्जैनी (मुखर्जी), रूपम (इस्लाम) हैं और हम सभी केके से बेहतर गाते हैं.” बॉलीवुड गायक के कोलकाता दौरे को लेकर उपजे उत्साह पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “केके, केके, केके… कौन है केके? मुंबई के कलाकारों पर इतना उत्साह क्यों? ओडिशा, पंजाब और दक्षिण के फिल्मोद्योग से सीखिए. पहले बंगाल आइये.”
केके के निधन के बाद बागची ने अपना वीडियो हटा दिया, लेकिन तब तक वह सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था और लोगों में आक्रोश उभर आया था. सोशल मीडिया पर आलोचना होने के बाद, बागची ने संवाददाताओं से कहा, “मैं कहना चाहता था कि पश्चिम बंगाल के लोगों को बंगाली साहित्य, पहचान और गीतों पर गर्व होना चाहिए. मैंने अपनी संस्कृति को बचाने पर बयान दिया था. अगर कोई इसे अन्यथा लेता है तो यह उसकी समस्या है.”
उन्होंने कहा, “केके की मौत की खबर सुनकर मुझे झटका लगा और दुख हुआ. यह मरने की उम्र नहीं होती. उन्हें अभी बहुत कुछ देना था. वह एक महान गायक थे.” बंगाली फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों ने बागची के बयान की निंदा की है.
एक्ट्रेस रूपांजना मित्रा ने फेसबुक पर लिखा, “रूपांकर आपको शर्म आनी चाहिए. आपको अतीत में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला होगा लेकिन आप एक संकीर्ण मानसिकता वाले व्यक्ति हैं. पहले आपको यह सीखना चाहिए कि एक कलाकार का सम्मान कैसे किया जाए.” एक अन्य एक्टर भास्वर चटर्जी ने लिखा, “रूपांकर बाबू इस तरह के बयान देकर चर्चा में बने रहना चाहते हैं. आप खुद को केके से बेहतर गायक क्यों बता रहे हैं? इसका निर्णय लोगों को करने दीजिये. आप क्यों उछल रहे हैं? हमने राघव दा जैसे किसी को ऐसा कहते कभी नहीं सुना.”
हालांकि, बागची का समर्थन करते हुए एक्ट्रेस श्रीलेखा मित्रा ने कहा, “रूपांकर दा के कारण हमने केके को नहीं खोया. मैं आपके दुख और आक्रोश को समझती हूं लेकिन कृपया किसी कलाकार को श्रद्धांजलि देने के लिए किसी और को नीचा मत दिखाइये. अचानक से हर कोई उन पर (बागची) हमलावर क्यों है.” तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी इस विवाद पर बागची का समर्थन किया है.
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