नई दिल्ली: पाकिस्तान की जानीमानी ऑस्कर विजेता फिल्म निर्देशक शरमीन उबैद-चिनॉय ने ‘उत्पीड़न’ को लेकर अपने ट्वीट से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ने और अपनी आलोचना होने के बाद इन ट्वीटों का बचाव किया है. अपनी डॉक्यूमेंट्री ‘सेविंग फेसिस’ के लिए 2012 में और फिर अपने जीवन आधारित फिल्म ‘ए गर्ल इन द रिवर’ के लिए 2016 में ऑस्कर जीत चुकीं चिनॉय की 23 अक्तूबर को सोशल मीडिया पर जमकर खिंचाई हुई थी, जब उन्होंने ट्वीट किया कि सर आगा खान यूनिवर्सिटी अस्पताल में उनकी बहन के डॉक्टर ने इलाज के बाद उसे फेसबुक पर दोस्त बनाने के लिए उसकी निजी जानकारी का इस्तेमाल कर उसका उत्पीड़न किया.
चिनॉय के ट्वीट के लिए उनकी आलोचना शुरू हो गयी जिसमें उन्होंने लिखा, 'दुर्भाग्य से डॉक्टर ने गलत परिवार की गलत महिला को परेशान किया है और मैं निश्चित रूप से उसकी रिपोर्ट करुंगी. उत्पीड़न को रोकना होगा.' सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अनावश्यक प्रतिक्रिया के लिए निर्देशक की आलोचना की. हालांकि कुछ ने उनका बचाव भी किया.
चिनॉय ने बाद में स्पष्ट किया कि उन्होंने गलत शब्दों का इस्तेमाल किया हो सकता है लेकिन उनकी बहन के साथ जो हुआ, वह उत्पीड़न है और रोगी-डॉक्टर के विश्वास को तोड़ने के समान है. उन्होंने कहा कि 'गलत परिवार की गलत महिला' लिखने का आशय कोई बहुत हैसियत दिखाने के लिए नहीं बल्कि यह कहने के लिए लिखा गया कि उनके परिवार की महिलाएं मजबूत हैं और हमेशा अपने लिए खड़ी होती हैं.
चिनॉय ने कहा कि जिस डॉक्टर ने उनकी बहन का इलाज किया, वह उनके लिए नया था और जानता भी नहीं था लेकिन उसने बाद में सोशल मीडिया पर बहन के प्रोफाइल में ताकझांक की और तस्वीरों पर टिप्पणी करके फेसबुक पर दोस्त बनाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि लोग उनकी इस बात से असहमत हो सकते हैं लेकिन उनकी नजर में यह विश्वास तोड़ना है और पेशेवर आचरण के नियमों की भी अवहेलना है.
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