राहत फतेह अली खां की सूफियाना सी आवाज का जादू फैंस को दीवाना बना देता है. जब आवाज में पूरी लोच के साथ वो गाते हैं मेरे रश्के कमर या लागी मन से मन की लगन, तब हर शब्द जेहन में उतरता हुआ सा लगता है. पाकिस्तानी सिंगर की आवाज की ये गहराई उस ट्रेनिंग की बदौलत है जो उन्हें बचपन से ही मिलना शुरू हो गई थी. कुछ तो विरासत थी और कुछ वो रियाज जो वो अपने ताया नुसरत फतेह अली खां के साथ किया करते थे. इंस्टाग्राम पर नन्हें राहत फतेह अली खां का एक वीडियो वायरल हो रहा है.
कव्वाली लेजेंड नाम के इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर हुए इस वीडियो में नुसरत फतेह अली खां हारमोनियम के पास बैठ कर सात सुरों को साधते सुने जा सकते हैं. उनके पास बैठा बच्चा कोई और नहीं राहत फतेह अली खां हैं. जो अपने ताया की तर्ज पर ही सुरों को पकड़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. और, उसमें पूरी तरह कामयाब भी नजर आते हैं. शुरूआत में नुसरत फतेह अली खां उनसे पहले गाना शुरु करते हैं और फतेह अली खां उस बंदिश को पकड़ने की कोशिश करते हैं. आखिर में दोनों एक ही साथ सुर से सुर मिलाते सुने जा सकते हैं. जिसे सुनकर पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता है.
राहत फतह अली खां पाकिस्तान के फैसलाबाद शहर से हैं. नुसरत फतेह अली खां रिश्ते में राहत फतेह अली खां के ताया लगते हैं. उन्होंने ही राहत फतेह अली खां को संगीत की तालीम दी है. उनका परिवार पीढ़ियों से कव्वाली गाता आ रहा है साथ ही सुफी गायन में भी पारंगत है. फतेह अली खां की आवाज में भी सूफी संगीत का वही जादू मौजूद है.
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