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This Article is From Aug 26, 2022

Liger Movie Review: न लॉयन न टाइगर, जानें कैसी है विजय देवरकोंडा की 'लाइगर'

Liger Movie Review: पुरी जगन्नाध निर्देशित और विजय देवरकोंडा तथा अनन्या पांडेय अभिनीत फिल्म लाइगर रिलीज हो गई है. जानें कैसी है फिल्म.

Liger Movie Review: न लॉयन न टाइगर, जानें कैसी है विजय देवरकोंडा की 'लाइगर'
Liger Movie Review: जानें कैसी है विजय देवरकोंडा की 'लाइगर'
नई दिल्ली:

लंबे समय से विजय देवरकोंडा के बॉलीवुड डेब्यू को लेकर धूम मची हुई थी. तेलुगू सिनेमा का एक बड़ा सितारा बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहा था. ऐसा सितारा जिसने डियर कॉमरेड, वर्ल्ड फेमस लवर और अर्जुन रेड्डी जैसी फिल्में की. बॉलीवुड में उसके डेब्यू के लिए एक्शन फिल्म को चुना गया. फिल्म का प्रमोशन देश के कोने-कोने पर किया गया. एक्टर ने जितना पसीना फिल्म की शूटिंग के दौरान नहीं बहाया, उससे ज्यादा पसीना उसे प्रमोशन के दौरान बहाना पड़ा. तेलुगू के लॉयन और टाइगर का कॉम्बिनेशन जब बॉलीवुड में 'लाइगर' बना तो अपनी चमक ही खो बैठा. विजय देवरकोंडा की हिंदी में डेब्यू फिल्म कहानी के मोर्चे पर पूरी तरह निराश करती है और कहानी के मामले में कुछ भी नया नहीं परोसती है.

'लाइगर' की कहानी मां रम्या कृष्णन और बेटे विजय देवरकोंडा की है. बेटे का ख्वाब है कि उसे एमएमए की दुनिया में नाम कमाना है. वह मां के साथ मुंबई आ जाता है. यहां उसे एमएमए फाइटिंग का सरताज बनाने का जिम्मा उठाते हैं रोनित रॉय. मां ने बेटे को साफ कह रहा है कि चाहे जो हो जाए लड़की के प्यार में नहीं पड़ना है. अब बॉलीवुड फिल्म बन रही है तो ऐसा होना नामुमकिन है. बस विजय को अनन्या से प्यार हो जाता है. जिसके साथ ही एक जोरदार ट्विटस्ट आता है. कहानी बस कुछ इसी तरह की है, और इससे ज्यादा कुछ है नहीं. सब कुछ बहुत स्वाभाविक तरीके से चलता है और डायरेक्टर अपनी मर्जी से फिल्म को लेकर चलते हैं, और कहानी की जरुरतों को भूल ही जाते हैं. कहानी तर्क और नएपन का घोर अभाव है. पुरी जगन्नाध का फोकस ही समझ नहीं आता है.  

विजय देवरकोंडा साउथ के सधे हुए एक्टर माने जाते हैं. लेकिन वह अर्जुन रेड्डी के खाके में कुछ इस तरह फिट हो चुके हैं कि निकलने का नाम नहीं ले पा रहे हैं. लाइगर के लिए उन्होंने अच्छी मेहनत की है. लेकिन कहानी में कुछ भी अनूठा नहीं है जो उनको मजबूती दे पाता. उनका अटक-अटक कर बोलना भी कहीं अटकता हुआ लगता है. रम्या कृष्णन ने ठीक ठाक काम किया है. अनन्या पांडे ऐसा कुछ भी नहीं कर पाती हैं, जिसे सिनेमा हॉल से बाहर आकर याद रखा जा सके. कुल मिलाकर एक्टिंग के मोर्चे पर भी कुछ अनोखा नहीं है.

लाइगर को देखकर जो बात समझ आती है वह यह कि बॉलीवुड सिर्फ प्रमोशन के दम पर ही फिल्म को चलाने की कोशिश कर रहा है. पिछले कुछ समय से बॉक्स ऑफिस पर मिल रही शिकस्त के बाद उसके जागने का समय आ गया है कि थोड़ा स्क्रिप्ट पर भी फोकस कर लिया जाए.

रेटिंग: 1.5/5 स्टार
डायरेक्टर: पुरी जगन्नाध
कलाकार: विजय देवरकोंडा, रम्या कृष्णन, अनन्या पांडे और रोनित रॉय

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