लेजेंड एक्टर और हाल ही में दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजे गए एक्टर मिथुन चक्रवर्ती ने अपने करियर के उन दिनों को बारे में NDTV से खास बातचीत की. तब जीनत अमान ने उन्हें स्ट्रगल के दिनों में सपोर्ट किया. जब हीरोइनें उनके साथ काम करने में झिझकती थीं. उन्होंने कहा, बहुत रुकावटें भी थीं. मैं जिंदगी की तरफ तेजी से बढ़ रहा था तो इसलिए बाधाएं अपरिहार्य थीं." आगे उन्होंने बताया कि स्ट्रगल के दिनों में कुछ एक्ट्रेसेस ऐसी थीं, जिन्हें मेरे साथ काम ना करने के लिए कहा गया. एक्टर ने कहा, मैं उनके आगे झुकना नहीं चाहता था, मैंने तय कर लिया था कि अगर मुझे हारना ही है तो कम से कम मैं लड़ूंगा, मैं हार नहीं मानूंगा.
आगे उन्होंने कहा, जीनत अमान ने मेरी बहुत मदद की. वह बृज सदाना के साथ एक फिल्म पर काम कर रही थीं और उन्होंने फैसला किया मिथुन ही मेरा हीरो है. तो वह जीनत के पास गए और कहा, देखो, एक लड़का है. मुझे लगता है वह बहुत अच्छा है. इस पर जीनत ने कहा, जी हां वह बेहद हैंडसम हैं. वह डांस अच्छा करते हैं. मैं उनके साथ काम करूंगी. उन्होंने मेरे साथ काम करके उस चक्र को तोड़ा, जिसके बाद बड़ी हीरोइनों ने मेरे साथ फिल्में साइन करना शुरू किया. मैं हमेशा जीनत जी का आभारी रहूंगा.
गौरतलब है कि मिथुन चक्रवर्ती कलकत्ता में जन्में हैं और 1976 में फिल्म मृज्ञा से उन्होंने एक्टिंग डेब्यू किया, जिसके लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला. वहीं तहदार कथा (1992) और स्वामी विवेकानंद (198) में उनके रोल के लिए उन्हें दो और नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स मिले. हाल ही में वह विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित द कश्मीर फाइल्स में नजर आए थे. उनके बेटे नमाशी चक्रवर्ती ने बैड बॉय से बॉलीवुड डेब्यू किया था.
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