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This Article is From Oct 23, 2020

Mirzapur 2 Review: कुछ नहीं बदला है मिर्जापुर में, सिर्फ मुन्ना, कालीन और गुड्डू का भौकाल

Mirzapur 2 Review: मिर्जापुर का जो भौकाल सीजन 1 में शुरू हुआ था, वो सीजन 2 में भी वैसा ही है. कालीन भैया का जलवा और गुड्डू पंडित का बदला, दोनों ही फ्रंटसीट पर हैं.

Mirzapur 2 Review: कुछ नहीं बदला है मिर्जापुर में, सिर्फ मुन्ना, कालीन और गुड्डू का भौकाल
Mirzapur 2 Review: जानें कैसी है अमेजन प्राइम वीडियो की सीरीज
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
मिर्जापुर का दूसरा सीजन रिलीज
अमेजन प्राइम वीडियो की है वेब सीरीज
मिर्जापुर में कुछ नहीं बदला है
नई दिल्ली:

Mirzapur 2 Review: मिर्जापुर का जो भौकाल सीजन 1 में शुरू हुआ था, वो सीजन 2 में भी वैसा ही है. कालीन भैया का जलवा और गुड्डू पंडित का बदला, दोनों ही फ्रंटसीट पर हैं. मिर्जापुर में वही खून-खराबा, ताकत के लिए जंग और किसी पर भी भरोसा गलती साबित होना, जैसी चीजें मौजूद हैं. इस तरह मिर्जापुर के पहले सीजन में जो भी मसाला नजर आया था, वह इस सीजन में भी देखने को मिलेगा, और जस का तस. कालीन भैया का यह डायलॉग, 'राजा और राजकुमार सैक्रिफाइस नहीं करते हैं, प्यादे करते हैं. राजा और राजकुमार तो जिंदा रहते हैं.' पूरी कहानी को समझाने के लिए काफी है. 

'मिर्जापुर 2 (Mirzapur 2  Review)' की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां मिर्जापुर की खत्म हुई थी. मुन्ना भैया अपनी रंगबाजी में हैं तो वहीं उनके पिता की नजर अपने बेटे को बाहुबली बनाने पर है. गुड्डू भैया घायल पड़े हैं और मुश्किल में हैं. इस तरह कहानी पूरे पेस के साथ शुरू होती है. मुन्ना भैया अब मिर्जापुर के बाद जौनपुर पर भी अपना जलवा चाहते हैं और अपने आप को अमर समझने लगे हैं. लेकिन कालीन भैया मुन्ना को ऐसा डोज देते हैं कि होश ही फाख्ता कर देते हैं. लेकिन बीना त्रिपाठी अपने घर के मर्दों से परेशान है और वह मास्टरस्ट्रोक चलने की तैयारी में है. इस तरह 'मिर्जापुर 2' में हर वह मसाला परोसा गया है, जिसके लिए यह सीजन लोकप्रिय रहा है. फिर वह चाहे वनलाइनर हों, जमकर अपशब्दों का इस्तेमाल या फिर राजनीति का घनघोर खेल. इस तरह मिर्जापुर का सीजन 2 भी नए पात्रों के आने के बावजूद पुराने पात्रों के कंधों पर ही खड़ा है.

'मिर्जापुर 2 (Mirzapur 2  Review)' के 10 एपिसोड हैं. इस पूरी कहानी में अली फजल, श्वेता त्रिपाठी, पंकज त्रिपाठी, दिव्येंदु शर्मा, रसिका दुग्गल और हर्षिता गौर समेत पूरी स्टारकास्ट ने अच्छा काम किया है. सभी ने अपने किरदारों को परदे पर अच्छे ढंग से उकेरा है. लेकिन मिर्जापुर की जान गुड्डू, मुन्ना और कालीन ही हैं. मिर्जापुर के फैन्स के लिए यह परफेक्ट ट्रीट है जबकि गालियों से परहेज करने वाले दर्शकों कों इसे गले उतारने में दिक्कत हो सकती है.  

रेटिंगः 3 स्टार
कलाकारः अली फजल, श्वेता त्रिपाठी, पंकज त्रिपाठी, दिव्येंदु शर्मा, रसिका दुग्गल और हर्षिता गौर 

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