सुपरहीरो एक ऐसा जॉनर है, जिसमें भारतीय सिनेमा को ज्यादा सफलता नहीं मिली है. कृष को छोड़ दिया जाए तो दूसरी कोई ऐसी फिल्म नहीं है जो जेहन में छाप छोड़ती है. लेकिन साउथ सिनेमा ने इस दिशा में मजबूत कदम बढ़ाया है. मलयालम फिल्म 'मिन्नल मुरली' ने शुद्ध देसी सुपरहीरो की कमी को पूरा कर दिया है. टॉविनो थॉमस की फिल्म को नेटफ्लिक्स पर कई भाषाओं में रिलीज किया गया है और यह हिंदी में भी है. फिल्म में जिस सिंपल अंदाज में एक सुपरहीरो की कहानी दिखाई गई है, वह शैली बहुत ही कमाल की है और फिल्म हर मायने में दिल जीतती है.
मिन्नल मुरली की कहानी
'मिन्नल मुरली' की कहानी केरल के जेसन की है. जेसन एक लड़की से प्यार करता है लेकिन उसका पुलिस अफसर पिता बेटी की शादी किसी और से तय कर देता है. एक दिन एक खगोलीय घटना घटती है और एक अन्य शख्स पर बिजली आकर गिरती है. इस तरह जेसन में कुछ बदलाव आ जाते हैं, और उसकी जिंदगी बदल जाती है. लेकिन फिल्म में एक विलेन भी है, और इस तरह हीरो और विलेन में गजब का संतुलन बैठाया गया है. डायरेक्टर बेसिल जोसफ ने बहुत ही साधारण माहौल, चीजों से शानदार कहानी गढ़ी है, और दिखा दिया है कि सुपरहीरो की फिल्म बनाने के लिए भव्यता की जरूरत नहीं होती है. इस तरह मिन्नल मुरली की कहानी में दिखाई गई जगहें और माहौल बिल्कुल साधारण लेकिन गहरे तक असर करने वाला है. इस तरह बेसिल ने कहानी को सिम्पल लेकिन डायरेक्शन में असाधारण प्रयोग किए हैं.
'मिन्नल मुरली' में एक्टिंग
साउथ सिनेमा पिछले कुछ समय से बॉलीवुड से काफी आगे दौड़ रहा है. 2021 की टॉप फिल्मों में अधिकतर नाम साउथ की फिल्मों के ही हैं. टॉविनो थॉमस की मिन्नल मुरली भी ऐसी ही कहानी है. जिसका हीरो एक साधारण इंसान है, लेकिन असाधारण ताकत आने के बाद वह किस तरह सुपरहीरो बन जाता है, इसे देखना मजेदार है. टॉविनो थॉमस इस किरदार में गहराई तक उतरे हैं, और बहुत ही शिद्दत के साथ इस किरदार को निभाया है. फिल्म में गुरु सोमसुंदरम का रोल भी मजेदार है. इस तरह मिन्नल मुरली ने दिखा दिया है कि बड़े बजट और भव्यता के बिना भी सुपरहीरो मूवी बनाई जा सकती है.
रेटिंग: 4/5 स्टार
डायरेक्टर: बेसिल जोसफ
कलाकार: टॉविनो थॉमस और गुरु सोमसुंदरम
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