तस्वीर रंग से भरी हो और उसका नूर भी कायम हो. या, कोई ऐसी तस्वीर हो जिसमें न रंग हो न नूर हो बस श्वेत श्याम सी नजर आने वाली लकीरे हों. उसके बावजूद इस एक्ट्रेस की खूबसूरती कभी कम नजर नहीं आती. वही बोलती हुई बड़ी बड़ी आंखें. कलियों की पंखुड़ी से नजर आते लब्ज, कमान सी सजी हुई बोहें और तीखी सी नाक और उस पर झुकी हुई नजरों की नजाकत कभी कम नजर नहीं आती. इस बेपनाह खूबसूरती की मल्लिका का नाम है मीना कुमारी. तकदीर ने जिन्हें सूरत और सीरत दोनों भरपूर दी. कुछ नहीं दिया तो वो थीं खुशियां. पर्दे पर पहचान मिली ट्रेजेडी क्वीन की और मीना कुमारी असल जिंदगी में भी उसी पहचान को जीती रहीं.
Colored publicity still from 'Pakeezah' which it was first launched in 1958
byu/BollyGirl1974 inMeenaKumari
बचपन से शुरू हुआ संघर्ष
1 अगस्त 1932 को मीना कुमारी ने मुंबई में जन्म लिया. जन्म के बाद पहला नाम मिला महजबीन. ये नाम रखने वाले पिता अली बख्श संगीत के मास्टर हुआ करते थे. जिन्हें फिल्मों में कभी कबार कोई वाद्य यंत्र या हारमोनियम बजाने का मौका मिल जाता या फिर कोई छोटी मोटी भूमिका. इस काम से घर का खर्ज ब मुश्किल चल पाता था. जिसके चलते नन्हीं महजबीन पर घर का बोझ आ गया. गुड्डे गुड़िया से खेलने की उम्र में महजबीन को न सिर्फ घर चलानी की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी बल्कि पहचान भी बदलनी पड़ी. सात साल की उम्र से महजबीन को फिल्मों में काम करना पड़ा और नाम मिल गया बेबी मीना कुमारी.
मोहब्बत में मिले धोखे
मीना कुमारी की फिल्में अच्छी चल पड़ी और पंद्रह साल की होते होते उनका हुस्न लोगों का ध्यान खींचने लगा. बाल कलाकार से मीना कुमारी लीड रोल में नजर आने लगीं. इस बीच उन्हें डायरेक्टर कमाल अमरोही से प्यार हो गया. अब्बू से छिप छिपा कर मीना कुमारी ने निकाह भी रचा लिया. लेकिन ये मोहब्बत भी रास नहीं आई. मीना कुमारी से शादी के बाद कमाल अमरोही का मिजाज बदले लगा. उनका हर फैसला कमाल अमरोही की मंजूरी का मोहताज हो गया. उनका पीए तक मीना कुमारी की जासूसी करता और जरूरत पड़ने पर हाथ भी उठा देता. इस दुख की मारी मीना कुमारी शराब के प्याले में डूबती चली गई. और गंभीर बीमारी के साथ इस दुनिया से रुखस्त हो गईं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं