ओटीटी पर आने वाली फिल्मों से लगातार उम्मीद कम होती जा रही है. इन फिल्मों के टीजर और ट्रेलर बांधने वाले होते हैं. इन्हें धमाकेदार अंदाज में प्रमोट भी किया जाता है. लेकिन आखिर में खोदा पहाड़ और निकली चुहिया वाले हालात ही नजर आते हैं. बड़े-बड़े डायरेक्टर ओटीटी के लिए फिल्में बना रहे हैं. लेकिन ये फिल्में देखने के बाद माजरा समझ आ जाता है कि इन फिल्मों का सिनेमाघरों में हाथ थामना डिस्ट्रिब्यूटर्स के बूते की बात नहीं. इसलिए इन्हें ओटीटी पर रिलीज कर दिया जाता है. ऐसी ही एक फिल्म इस हफ्ते नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है. फिल्म का नाम है खुफिया. खुफिया नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है. डायरेक्टर विशाल भारद्वाज हैं. फिल्म में तब्बू, अजमेरी हक बधोन, अली फजल, वामिका गब्बी, आशीष विद्यार्थी, अतुल कुलकर्णी और नवनींद्र बहल जैसे एक्टर हैं. लेकिन एक अच्छी कहानी होने के बावजूद कमजोर एक्जिक्यूशन निराश कर देता है.
खुफिया मूवी रिव्यू:
खुफिया की कहानी
विशाल भारद्वाज वो डायरेक्टर हैं जिन्हें इश्किया, ओमकारा और कमीने जैसी शानदार फिल्मों के लिए पहचाना जाता है. लेकिन इस बार उन्होंने स्पाई जॉनर में हाथ आजमाया. उन्होंने अमर भूषण की किताब 'एस्केप टू नोव्हेयर' पर खुफिया फिल्म बनाई. खुफिया की कहानी रिसर्च ऐंड एनालिसिट विंग के एजेंटों की है. तब्बू एक मिशन पर काम कर रही है. यह मिशन बांग्लादेश में चल रहा है. लेकिन एक मुखबिर की वजह से यह मिशन फेल हो जाता है और इस मिशन को अंजाम देने वाले का कत्ल हो जाता है. इस तरह अब यह पता लगाने की जुगत चलती है कि यह भेदिया कौन है. जब भेदिया का राज सामने आता है तो अब उसे रंगे हाथ पकड़ने की तैयारी चलती है. बस यही खुफिया की कहानी है. कहानी अच्छी है. लेकिन फिल्म का एक्जिक्यूशन बहुत ही खराब है. डायरेक्शन में पैनापन नहीं है. इस तरह की स्पाई थ्रिलर के लिए जिस तरह की गहराई चाहिए होती है, वह भी मिसिंग है. विशाल भारद्वाज ने डिटेलिंग भी अच्छे से नहीं की है जो फिल्म देखकर बखूबी समझा जा सकता है.
खुफिया का डायरेक्शन
विशाल भारद्वाज देसी सिनेमा के माहिर हैं. वह हार्टलैंड की शानदार कहानियां भी लेकर आए हैं. लेकिन यहां वह चूक गए हैं. स्पाई ड्रामा में जिस तरह की बारीकियों को ध्यान में रखता है, वह उस पर फोकस नहीं कर पाए हैं. यह खामियां फिल्म देखते ही एकदम पकड़ में आ जाएंगी. चाहे वह उस दौर की बीरीकियां हों या फिर आतंकवादियों पर नजर रखती एजेंट. चीजें बहुत ही बचकानी नजर आती हैं. कुल मिलाकर डायरेक्शन के मामले में विशाल कसौटी पर खरा नहीं उतर पाते हैं.
खुफिया में एक्टिंग
खुफिया में तब्बू ने अच्छी एक्टिंग की है. तब्बू की बांग्लादेशी एक्ट्रेस अजमेरी हक बधोन के साथ रोमांटिक कनेक्शन भी बॉलीवुड में बहुत ज्यादा एक्सप्लोर किया गया कॉन्सेप्ट नहीं है. तब्बू अपने किरदार में जमी हैं और अजमेरी ने उनका साथ अच्छे से दिया है. उनका किरदार काफी इम्प्रेसिव है. इसके अलावा अली फजल, वामिका गब्बी और बाकी एक्टर सामान्य हैं. लेकिन नवनींद्र बहल की एक्टिंग शानदार है. नवनींद्र ने अली फजल की मां का रोल किया है और उस किरदार को विशाल भारद्वाज ने मजबूती से गढ़ा है और नवनींद्र की तारीफ इस किरदार के लिए बनती है.
खुफिया का वर्डिक्ट
विशाल भारद्वाज एक खास तरह का सिनेमा लेकर आते हैं. यह फिल्म उससे कुछ अलग है. हालांकि शेड वैसे ही समेटे हुए है. टॉपिक अच्छा है, लेकिन कहानी के साथ ट्रीटमेंट कमजोर है. जिन्हें विशाल भारद्वाज का सिनेमा पसंद है और स्तरीय स्पाई फिल्में देखने का शौक है, उन्हें खुफिया देखकर जरूर निराशा हो सकती है.
रेटिंग: 2/5 स्टार
डायरेक्टर: विशाल भारद्वाज
कलाकार: तब्बू, अली फजल, वामिका गब्बी, आशीष विद्यार्थी, अतुल कुलकर्णी और नवनींद्र बहल
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