करण जौहर (Karan Johar) का कहना है कि साल 2001 में आई उनकी फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' (Kabhi Khushi Kabhie Gham) उनके चेहरे पर एक बड़ा तमाचा है और इसके साथ ही यह वास्तविकता से उनका सीधा सामना भी रहा है. करण ने कहा, "मैंने सोचा था कि मैं 'मुगल-ए-आजम' के बाद से आमिर खान की फिल्म 'लगान' और फरहान अख्तर की फिल्म 'दिल चाहता है' तक हिंदी सिनेमा की सबसे बड़ी फिल्म बना रहा हूं." करण जौहर का पहला और मुख्य लक्ष्य फिल्म में एक बड़ी स्टार कास्ट को शामिल करना था.
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करण जौहर (Karan Johar) ने कहा, "'कभी खुशी कभी गम' मेरे चेहरे पर एकमात्र सबसे बड़ा तमाचा था और वास्तविकता से मेरा सामना भी था." यह फिल्म पारिवारिक पृष्ठभूमि पर आधारित थी. फिल्म में अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, शाहरुख खान, काजोल, ऋतिक रोशन और करीना कपूर जैसे बड़े सितारे मुख्य भूमिकाओं में थे और इनके साथ ही रानी मुखर्जी ने भी इसमें एक छोटा सा किरदार निभाया था.
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करण जौहर (Karan Johar) ने ऑडिबल सुनो के शो 'पिक्चर के पीछे' में फिल्म के बारे में खुलासा किया. उन्होंने कहा कि समीक्षा और पुरस्कारों के मामले में फिल्म को मिली खराब प्रतिक्रिया से वह हैरान हो गए थे.
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