Jaun Eliya Couplets: जौन एलिया उत्तर प्रदेश के अमरोहा के रहने वाले थे जिनका जन्म 14 दिसंबर, 1931 को हुआ. भारत के बंटवारे के कुछ साल बाद वे 1957 में कराची जा बसे. कराची में उनकी शादी जानी मानी पत्रकार जाहिदा हिना से हुई. जौन एलिया के अब तक पांच गजल संग्रह प्रकाशित हुए हैं. उनके गद्य का भी कलेक्शन 'फर्नूद' छप चुका है. जौन एलिया अंत में क्षय रोग के शिकार हुए और उनका निधन 8 नवंबर 2002 को हो गया. जौन एलिया की शायरी में दर्द और जिंदगी के कई चेहरे नजर आते हैं. उनकी शायरी युवाओं के बीच काफी पॉपुलर है और उन्हें काफी पढ़ा और सुना भी जाता है. 2020 में पंजाबी रैपर के कैप ने जौन एलिया की शायरी को बुलावा सॉन्ग में अपनी आवाज से पिरोया था. 'मैं जो हूँ 'जौन-एलिया' हूँ जनाब, इस का बेहद लिहाज़ कीजिएगा', इस शेयर से उनके मिजाज को समझा जा सकता है.
जौन एलिया के चुनिंदा 10 शेर | Jaun Eliya Shayari
सारी दुनिया के ग़म हमारे हैं 
और सितम ये कि हम तुम्हारे हैं 
ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता 
एक ही शख़्स था जहान में क्या 
बहुत नज़दीक आती जा रही हो 
बिछड़ने का इरादा कर लिया क्या 
क्या कहा इश्क़ जावेदानी है! 
आख़िरी बार मिल रही हो क्या
बिन तुम्हारे कभी नहीं आई 
क्या मिरी नींद भी तुम्हारी है   
दिल की तकलीफ़ कम नहीं करते 
अब कोई शिकवा हम नहीं करते 
नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम 
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम 
गँवाई किस की तमन्ना में ज़िंदगी मैं ने 
वो कौन है जिसे देखा नहीं कभी मैं ने 
तुम्हारी याद में जीने की आरज़ू है अभी 
कुछ अपना हाल सँभालूँ अगर इजाज़त हो 
आज बहुत दिन ब'अद मैं अपने कमरे तक आ निकला था 
जूँ ही दरवाज़ा खोला है उस की ख़ुश्बू आई है 
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