
सनी देओल, रणदीप हुड्डा और विनीत कुमार सिंह की बॉलीवुड फिल्म 'जाट' 10 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होने के बाद विवादों में आ गई है. ईसाई समुदाय ने एक खास सीन पर कड़ी आपत्ति जताई है. इस सीन में रणदीप हुड्डा को चर्च के अंदर पवित्र मंच के ऊपर रखे क्रॉस के नीचे खड़े दिखाया गया है जबकि कुछ लोग नीचे प्रार्थना करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस सीन में कलाकार चर्च के अंदर गुंडागर्दी और धमकी देते भी नजर आ रहे हैं. इसे ईसाई समुदाय ने बेहद आपत्तिजनक पाया है.
ईसाई समुदाय के प्रतिनिधियों के मुताबिक इस सीन से उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है और यह चर्च की सबसे पवित्र जगह-मंच का अपमान है. उनका आरोप है कि यह सीन भारत में ईसाई धर्म को बदनाम करने की एक जानबूझकर की गई साजिश का हिस्सा लगता है. इसमें इसके खिलाफ जबरदस्ती और हिंसा दिखाई गई हैं.
शुरू में ईसाई समुदाय के सदस्यों ने सिनेमा हॉल के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की प्लानिंग बनाई थी. लेकिन पुलिस ने प्रदर्शन रोक दिया. इसकी जगह प्रदर्शनकारियों ने सिनेमाघरों में जाट की स्क्रीनिंग पर बैन लगाने की मांग करते हुए संयुक्त आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा.
गोपीचंद मालिनेनी के डायरेक्शन और मैत्री मूवी मेकर्स और टीजी विश्व प्रसाद के सहयोग से पीपल मीडिया फैक्ट्री के बैनर तले नवीन मालिनेनी के बैनर तले आई इस फिल्म को अब गंभीर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. समुदाय का आरोप है कि यह फिल्म भारत में ईसाई धर्म के खिलाफ जानबूझकर दुश्मनी की कहानी को बढ़ावा देती है. इस सीन को उनके विश्वास का “जानबूझकर अपमान” बताते हुए, ईसाई समुदाय के नेताओं ने मांग की है कि धार्मिक अनादर से संबंधित कानूनों के तहत फिल्म के कलाकारों और क्रू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. उन्होंने फिल्म पर फुल बैन लगाने की भी मांग की है.
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