
बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन की बॉलीवुड में पहली फिल्म "परिणीता" ने 20 साल पूरे कर लिए हैं. इस मौके को खास बनाने के लिए फिल्म मेकर विधु विनोद चोपड़ा ने मुंबई में एक स्पेशल स्क्रीनिंग रखी. इस कार्यक्रम के दौरान, फिल्म मेकर ने बताया कि कैसे विद्या ने 'टॉप एक्ट्रेसेज' को पीछे छोड़ते हुए यह किरदार हासिल किया. कई थका देने वाले ऑडिशन के बाद विद्या को यह किरदार कैसे मिला इस बारे में बात करते हुए, चोपड़ा ने स्क्रीनिंग इवेंट में कहा, "कई टॉप एक्ट्रेसेज परिणीता में काम करना चाहती थीं. लेकिन प्रदीप सरकार ने कहा कि चेंबूर की एक नई लड़की है. तो मैंने कहा, 'चेंबूर की इस लड़की को टेस्ट लो.' मैं आमतौर पर स्क्रीन टेस्ट के दौरान एक्टर्स से नहीं मिलता. विद्या कई ऑडिशन दे चुकी थीं. फिर मैंने प्रदीप से कहा, 'चलो एक लास्ट टेस्ट करते हैं.'
विधु विनोद ने बताया, वह इस प्रोसेस से इतनी थक गई थीं कि अपने आखिरी ऑडिशन से पहले उन्होंने गालियां बुदबुदाना शुरू कर दिया था. मैं उन्हें यह कहते हुए देख पा रहा था कि 'ये खुद को क्या समझता है?' तब तक, उन्होंने 20-25 टेस्ट कर लिए थे. लेकिन फिर उन्होंने इतना शानदार ऑडिशन दिया कि मैं देखते ही कहा उसे तुरंत बुलाओ."
विद्या ने याद किया कि वह विधु विनोद चोपड़ा के असिस्टेंट के साथ एनरीक के एक म्यूजिक कॉन्सर्ट में थीं, जब फिल्म के डायरेक्टर ने उन्हें बुलाया. उन्होंने कहा, "तो दादा (प्रदीप सरकार) ने उन्हें फोन किया और मैंने उनसे कहा, 'दादा, मैं कॉन्सर्ट में हूं, मैं आपको वापस फोन करती हूं.' लेकिन उन्होंने कहा, 'नहीं, मिस्टर चोपड़ा आपसे बात करना चाहते हैं.' तो मैंने कहा, 'हां, मैं कॉन्सर्ट के बाद आपको फोन करूंगी.' तो मिस्टर चोपड़ा ने कहा, 'तेरी जिंदगी बदलने वाली है, बाहर निकल.' मैं सोच में पड़ गई, 'आप मुझे क्या बताएंगे कि मुझे दोबारा वो रोल नहीं मिला?' मैंने एक पल के लिए भी कुछ नहीं सोचा, क्योंकि मैं कई टेस्ट से गुजर चुकी थी. लेकिन उन्होंने कहा, 'बाहर आओ' तो मैं बाहर आई और उन्होंने मुझे फोन पर कहा, 'तुम मेरी परिणीता हो' और मैं वहीं रोने लगी. वो एक अजीब सा पल था."
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