
हेरा फेरी… वो फिल्म जिसने हिंदी सिनेमा में कॉमेडी का मतलब ही बदल दिया था. बाबूराव गणपतराव आप्टे, राजू और श्याम की तिकड़ी जब भी पर्दे पर आई, तो हंसी का तूफान मच गया. आज भी इसके डायलॉग्स मीम्स और मजाक का हिस्सा बनते रहते हैं. लेकिन सोचिए, अगर हम आपसे कहें कि यह फिल्म ओरिजिनल नहीं थी, बल्कि पूरी-की-पूरी कॉपी थी? जी हां, हाल ही में डायरेक्टर प्रियदर्शन ने खुद वो राज खोल दिया है जिसे सुनकर फैन्स भी हैरान रह जाएंगे.
रीमेक पर प्रियदर्शन का बड़ा बयान
प्रियदर्शन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि वो जब भी रीमेक बनाते हैं तो कभी अपने एक्टर्स को ओरिजनल फिल्म नहीं दिखाते. उनकी मानना है कि हर एक्टर की बॉडी लैंग्वेज अलग होती है, इसलिए किसी को भी कॉपी करने की बजाय किरदार को अपने अंदाज में जीना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब वो मोहनलाल की फिल्मों के तेलुगु रीमेक बना रहे थे और एक्टर्स को ओरिजनल फिल्म दिखाई, तो सभी उनके जैसे बनने की कोशिश करने लगे. इस वजह से परफॉर्मेंस कमजोर हो गई.
हेरा फेरी थी फ्रेम-टू-फ्रेम कॉपी
लेकिन दिलचस्प बात ये है कि प्रियदर्शन ने खुद माना कि एक फिल्म ऐसी थी, जिसे उन्होंने पूरी तरह कॉपी किया था और वो थी हेरा फेरी. उन्होंने साफ कहा, 'मैंने कभी किसी फिल्म को फ्रेम-टू-फ्रेम कॉपी नहीं किया, लेकिन हेरा फेरी इसका अपवाद है. उसके सारे डायलॉग्स तक ट्रांसलेट किए गए थे. वो फिल्म दरअसल 1989 में आई मलयालम फिल्म रामजी राव स्पीकिंग का रीमेक थी.'
क्यों नहीं करते एक्टर्स की तुलना
प्रियदर्शन का मानना है कि चाहे अक्षय कुमार हों या मोहनलाल, हर एक्टर का अंदाज अलग होता है. इसलिए वो कभी भी दो कलाकारों की तुलना नहीं करते. उनका कहना है कि वो हमेशा रीमेक में बदलाव करते हैं ताकि फिल्म नई और ताज़ा लगे, लेकिन हेरा फेरी में उन्हें कहानी इतनी मजबूत लगी कि उसे जस का तस हिंदी में उतार दिया गया.अब जबकि हेरा फेरी 3 की तैयारी जोर-शोर से चल रही है, फैन्स के बीच ये जानना और भी मजेदार है कि जिस फिल्म ने उन्हें सबसे ज्यादा हंसाया, वो दरअसल साउथ की एक सुपरहिट फिल्म की पूरी-की-पूरी कॉपी थी.
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