
हरभजन सिंह (फाइल फोटो)
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'नो फिल्टर नेहा' का तीसरा सीजन शुरू
मेहमान के तौर पर पहुंचे हरभजन सिंह
बताई कई मजेदार कहानियां
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जब हरभजन सिंह शॉपिंग मॉल में भूल गए अपनी ट्रॉली-
मुझे अचानक एवोकैडो (एक विदेशी फल) दिख गए. ट्रॉली को मैंने इसके पास ही छोड़ा और मैं उन्हें देखने चला गया. मैंने कुछ एवोकैडो उठाए और मुझे बेहद खुशी हुई. मैंने उसको (पत्नी गीता बसरा) बोला एवोकैडो लाया हूं, उसने बोला हां अच्छे हैं, ले लो. मैंने ले लिया, जो हाथ में पकड़े हुए थे तो फिर उसने मुझसे पूछा कि ट्रॉली कहां है? मैंने भी कहा कि ट्रॉली कहां हैं? इसके बाद मैं इधर-उधर दौड़ने लगा और चारों तरफ देखने लगा कि ट्रॉली कहां गई, लेकिन भाग्यवश मुझे ट्रॉली वहीं मिल गई.
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गीता को हमसफर बनाने में कितना वक्त लगा?
मैंने उन्हें (गीता बसरा) उनके एक पोस्टर में देखा और युवी (युवराज सिंह) को बोला, ये कौन लड़की है? उसने कहा पता नहीं, मैंने कहा फिर लाओ पता. एक हमारे दोस्त हैं सुवेद लोहिया; उससे पूछा और सुवेद को गीता अच्छी तरह से जानती थी. उसने (सुवेद) गीता तक मेरा मैसेज पहुंचाया. उसी वक्त हमने 2011 का वर्ल्डकप जीता था. उसके बाद तो राजा थे हम लोग. जब वापस आया और मैंने उसे मैसेज भेजा कि मैं तुमसे कॉफी पर मिलना चाहता हूं, तो उसका कोई जवाब ही नहीं आया. इसके बाद जब आईपीएल शुरु हुआ तो उसके मैसेज आया कि क्या मुझे कुछ टिकट मिल सकते हैं? लेकिन वो उसके लिए नहीं था, उसके ड्राइवर को मैच देखना था. तो इसको लगा मैंने उनके लिए टिकट दिया है तो उसे भी मुझसे मिलना चाहिए. तो कॉफी पर मिली. फिर मिले और मिलते ही गए और उसके कहा, नहीं मुझे अपने करियर पर फोकस करना चाहिए और मुझे भी लगा कि करियर पर फोकस करना चाहिए. मुझे उन्हें अपना पार्टनर बनाने में 8-9 महीने लग गए.
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भज्जी की फार्ट की कहानी
दीवाली की पार्टी थी, बहुत बड़ी पार्टी थी. इंडिया की टीम आई हुई थी, पाकिस्तान की टीम आई हुई थी, शाहरुख खान परफॉर्म कर रहा था. तो वहां पटाखा जल रहे थे, तो हम लोग बस बैठे हुए थे और काफी लड़कियां भी आई हुई थीं और मैं उनके बीच में बैठा हुआ था. मुझे लगा पटाखों की आवाज इतनी जोर से है तो मेरा कहां सुनाई देगा. मुझे पता नहीं चला... मेरा पटाखा निकल गया. जब मेरा पटाखा छूटा तो मैंने पीछे घूम के देखा तो टेबल खाली! वहां से सारी लड़कियां भाग गईं.
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