चौदहवीं का चांद फिल्म का नाम सुनते ही आपके जेहन में किस एक्ट्रेस की तस्वीर उभरती है. उसी एक्ट्रेस की ना जो किसी दौर की सबसे खूबसूरत और उम्दा एक्ट्रेस में से एक थी. हम बात कर रहे हैं दिग्गज एक्ट्रेस वहीदा रहमान की. इस नाम का जादू कभी बॉलीवुड के सिर चढ़कर बोलता था. जो चौदहवीं का चांद था तो ग्रेस और डिग्निटी की मिसाल भी था. क्या यकीन करेंगे कि उन्हें फिल्मों में लॉन्च करने से पहले मेकर्स ने उन्हें इस नाम को बदलने की सलाह दे डाली थी. फिल्म के मेकर्स ने उनके इस नाम को नॉन ग्लैमरस नाम बताया था. लेकिन 16 साल की वहीदा रहमान ने भी ऐसा जवाब दिया कि मेकर्स ने उनके नाम बदलने का ख्याल ही छोड़ दिया था.
गुरुदत्त ने क्यों दी नाम बदलने की सलाह
वहीदा रहमान ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि वो चेन्नई से पहली बार मुंबई आई थीं. अपनी मम्मी के साथ वो फिल्म सीआईडी साइन करने पहुंचीं. तब गुरुदत्त ने उनसे कहा कि उनका नाम बहुत लंबा और नॉन ग्लैमरस है. इसलिए उन्हें नाम बदलना होगा. लेकिन वहीदा रहमान को ये तर्क बिलकुल पसंद नहीं आया. उन्होंने नाम बदलने से इनकार कर दिया. गुरुदत्त ने उन्हें दिलीप कुमार, मधुबाला और मीना कुमारी के बारे में बताया. जिनके असल नाम कुछ और थे और पर्दे पर वो दूसरे नाम से जाने जाते थे.
वहीदा रहमान का गुरुदत्त को जवाब
फिल्म के डायरेक्टर राज खोसला ने भी उनसे नाम बदलने के लिए कहा. राज खोसला ने उनसे कहा कि जो भी न्यू कमर आते हैं वो उन्हीं की शर्तों पर फिल्मों में काम करते हैं. लेकिन सोलह साल की वहीदा रहमान अपनी बात पर अड़ी रहीं. उन्होंने कहा कि ये नाम उनके माता पिता ने बहुत प्यार से रखा है. इसलिए वो नाम नहीं बदलेंगी. वो लोग उन्हें वहीदा के नाम से बुला सकते हैं. बाकी लोग उन्हें वहीदा रहमान के नाम से ही जानेंगे. कुछ समय बाद मेकर्स ने उनकी बात मान ली. और वहीदा रहमान के नाम से ही उनकी फिल्म साइन की गई.
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