काजोल और शाहरुख खान
नई दिल्ली:
Google ने आज अपने Doodle पर भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक हरगोविंद को श्रद्धांजलि दी है. हर गोविंद खुराना भारत को छोड़कर इंग्लैंड चले गए थे और फिर 1966 में वे अमेरिकी नागरिक बन गए थे. आज Pravasi Bharatiya Divas भी है और भारत में इसको लेकर कई आयोजन भी हो रहे हैं. जिस तरह हरगोविंद खुराना भारत से विदेश में जाकर बस गए और नोबेल पुरस्कार जीतकर दुनिया भर में नाम कमाया, बॉलीवुड ने भी NRI टॉपिक को अपनी फिल्मों में प्रमुखता के साथ उठाया है. कभी NRI इश्क को दिखाया तो कभी किसी भारतीय को विदेश में गलत लोगों के चंगुल में फंसता दिखाया (संजय दत्त की ‘नाम’) इस तरह बॉलीवुड में एनआरआई हमेशा छाए रहे. आइए नजर डालते हैं बॉलीवुड की ऐसी ही पांच फिल्मों परः
भारत से हताश होकर लौट गए थे Nobel विजेता, इन 5 वैज्ञानिकों का संघर्ष भी है यादगार
पूरब और पश्चिम (1970)
मनोज कुमार ने साढ़े चार दशक पहले ही भारतीय और पाश्चातय के कॉन्सेप्ट को जनता के सामने पेश कर दिया था. फिल्म में प्रवासी भारतीयों के विदेशी रंग में रंगने की दास्तान दिखाई गई और ‘मैं भारत का रहने वाला हूं...भारत की बात सुनाता हूं’ सॉन्ग स्मृतियों में रच बस गया. फिल्म में सायरा बानो, अशोक कुमार, प्राण और विनोद खन्ना नजर आए.
दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे (1995)
इस फिल्म में पूरब और पश्चिम की महक घुली है. एक पिता है जो रहता तो इंग्लैंड में है लेकिन उसकी सोच पूरी तरह से हिंदुस्तानी है. वह अपने भारत प्रेम को नहीं भूल पाता है. इसी सीच बीच एक प्रेम कहानी पनपती है जिसमें संस्कारी और असंस्कारी होना अहम रहता है. शाहरुख खान और काजोल का ये प्रेम अमर हो गया, और फिल्म अब तक की सबसे हिट फिल्मों में शुमार हो गई.
Baahubali को टक्कर देने आ रही है ये फिल्म, बजट सुनकर मुंह से निकलेगा OMG!
मॉनसून वेडिंग (2001)
मीरा नायर की इस फिल्म में भारत लौटकर आए NRI परिवार की दास्तान दिखाई गई है. फिल्म एनआरआई वेडिंग भी दिखाई गई है, और गहरी बातों को बहुत ही हल्के अंदाज में कही गई है. लिलेट दुबे और नसीरूद्दीन शाह की एक्टिंग वाकई कमाल की थी और फिल्म NRI कल्चर को दिखाने के मामले में मील का पत्थर बन गई.
Pravasi Bharatiya Divas: माधुरी-शिल्पा से कनिका कपूर तक, देशी नहीं NRI के साथ इन्होंने बसाया घर
बेंड इट लाइक बेकहम (2002)
इस फिल्म में इंग्लैंड में बसी पंजाबी फैमिली की जिंदगी को बहुत ही खूबसूरती के साथ दिखाया है. फिल्म का पंजाबी सॉन्ग ‘रब्बा रब्बा मी बरसा...’ आज भी शादी पार्टियों में सुना जा सकता है, और NRI फैमिली का भरपूर ड्रामा इस फिल्म में मौजूद है, जिसमें बाल यौन उत्पीड़न से लेकर NRI को भारत में ठगने की कोशिश तक नजर आती है.
नमस्ते लंदन (2007)
अक्षय कुमार की इस फिल्म को भी मनोज कुमार की पूरब और पश्चिम की तर्ज पर बनाया गया था. इसमें अक्षय कुमार भारत की बात करते हैं जबकि कैटरीना कैफ विदेश में पली-बढ़ी और वहीं के रंग में रंगी हैं. फिल्म में कॉमेडी के साथ ही भारत की बात की गई है, जिसने फिल्म को सुपरहिट बनाया है.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
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पूरब और पश्चिम (1970)
मनोज कुमार ने साढ़े चार दशक पहले ही भारतीय और पाश्चातय के कॉन्सेप्ट को जनता के सामने पेश कर दिया था. फिल्म में प्रवासी भारतीयों के विदेशी रंग में रंगने की दास्तान दिखाई गई और ‘मैं भारत का रहने वाला हूं...भारत की बात सुनाता हूं’ सॉन्ग स्मृतियों में रच बस गया. फिल्म में सायरा बानो, अशोक कुमार, प्राण और विनोद खन्ना नजर आए.
दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे (1995)
इस फिल्म में पूरब और पश्चिम की महक घुली है. एक पिता है जो रहता तो इंग्लैंड में है लेकिन उसकी सोच पूरी तरह से हिंदुस्तानी है. वह अपने भारत प्रेम को नहीं भूल पाता है. इसी सीच बीच एक प्रेम कहानी पनपती है जिसमें संस्कारी और असंस्कारी होना अहम रहता है. शाहरुख खान और काजोल का ये प्रेम अमर हो गया, और फिल्म अब तक की सबसे हिट फिल्मों में शुमार हो गई.
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मॉनसून वेडिंग (2001)
मीरा नायर की इस फिल्म में भारत लौटकर आए NRI परिवार की दास्तान दिखाई गई है. फिल्म एनआरआई वेडिंग भी दिखाई गई है, और गहरी बातों को बहुत ही हल्के अंदाज में कही गई है. लिलेट दुबे और नसीरूद्दीन शाह की एक्टिंग वाकई कमाल की थी और फिल्म NRI कल्चर को दिखाने के मामले में मील का पत्थर बन गई.
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नमस्ते लंदन (2007)
अक्षय कुमार की इस फिल्म को भी मनोज कुमार की पूरब और पश्चिम की तर्ज पर बनाया गया था. इसमें अक्षय कुमार भारत की बात करते हैं जबकि कैटरीना कैफ विदेश में पली-बढ़ी और वहीं के रंग में रंगी हैं. फिल्म में कॉमेडी के साथ ही भारत की बात की गई है, जिसने फिल्म को सुपरहिट बनाया है.
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