हर फादर्स डे या मदर्स डे पर एक बात जरूर कही जाती है कि माता-पिता के लिए कोई एक दिन नहीं हो सकता. यकीनन नहीं हो सकता लेकिन इस एक दिन के बहाने अपने माता-पिता से वो बात कही जा सकती है जो पूरा साल कहने में हिचकते हैं. खासतौर से पिता से. क्योंकि मां के साथ तो हर दुख-दर्द और जज्बात शेयर हो जाते हैं. लेकिन पिता से अक्सर कुछ कहते हुए जुबान या तो लड़खड़ा जाती है या वो जज्बात समझ ही नहीं आता. क्योंकि पिता भी तो अपने हर इमोशन को अपनी सख्ती के पीछे छिपा कर रखते हैं. आप भी अगर पूरे साल पिता के प्रति अपने भाव न जाहिर कर सकें हों तो कुछ बॉलीवुड मूवीज का सहारा ले सकते हैं. ये बॉलीवुड मूवीज पिता और बच्चों की बॉन्डिंग की शानदार कहानी कहती हैं. हो सकता है इनके बहाने ही आप पिता से दिल की बात कह सकें.
रिश्ते (Rishtey 2002)
इस फिल्म में अनिल कपूर एक ऐसे पिता के किरदार में हैं जो अपने बेटे का सहारा भी है, प्यार भी और प्रेरणा भी. अपने डिसेबल बच्चे को किस तरह एक पिता उसके खुद के पैरों पर खड़ा करता है और दुनिया की हर कठिनाई से लड़ कर उसे इज्जत की जिंदगी देता है. इसी पर बेस्ड है ये फिल्म.
पीकू (Piku 2015)
पिता और बेटी की हर मामले में अलग अलग राय फिर भी दोनों के रिश्ते के बीच कोई नहीं आ सकता. पिता अमिताभ बच्चन और बेटी दीपिका पादुकोण के बीच की स्ट्रांग बॉन्ड की कहानी है पीकू. कभी बोझिल होता रिश्ता कभी लविंग और शेयरिंग की दास्तां है ये फिल्म.
डियर डैड (Dear Dad 2016)
पिता के साथ कुछ ऐसा वक्त गुजारिए जिसमें बस वो हों और आप हों. न हो तो किसी सफर पर निकल पड़िए 'डियर डैड' के पापा बेटे की तरह. शायद ऐसे ही दिल की कुछ गिरह खुल जाए और आप पिता से और पिता आप से अपने दिल की बात कह सकें. अरविंद स्वामी और हिमांशु शर्मा ने इस फिल्म में पिता और बेटा बनकर बेजोड़ अभिनय किया है.
दंगल (Dangal 2016)
बच्चों में छुपे हुनर को एक पिता ही तलाश सकता है और तराश भी सकता है. दंगल में आमिर खान और फातिमा सना शेख ने पिता और बेटी का किरदार निभाया है. पिता बने आमिर खान ही बेटी की हिम्मत बनते हैं और मार्गदर्शक भी. जिसके दम पर बिटिया दुनियाभर में अपना नाम रोशन कर पाती है.
102 नॉट आउट (102 Not Out 2018)
उम्र कितनी भी बढ़ जाए पिता पिता ही रहता है और बेटा हमेशा बेटा. जीवन की ढलान पर बैठा पिता किसी भी उम्र में बेटे का मोटिवेशन बन सकता है. ऋषि कपूर और अमिताभ बच्चन के अभिनय से सजी पिता पुत्र की ऐसी ही खट्टी मीठी केमिस्ट्री और गहरे प्यार की कहानी है ये फिल्म.
मैं ऐसा ही हूं ( 2005)
इस फिल्म की कहानी एक ऐसे पिता और बेटी पर आधारित है, जिसमें पिता ऑटिज्म का शिकार है. लेकिन इसके बावजूद अपनी बेटी के लिए उसका प्यार किसी से कम नहीं है. अपनी बेटी को पाने के लिए वह हर संघर्ष करने को तैयार है. फिल्म में अजय देवगन और बाल कलाकार के रूप में ऋचा वैद्य ने कमाल का अभिनय किया है.
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