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This Article is From Oct 19, 2023

9 साल की उम्र में उठा पिता का साया, पैसों की तंगी से बीच में छोड़ा स्कूल...इस लड़के जैसा आजतक कोई बना नहीं, पहचाना क्या?

फोटो में दिख रहे इस लड़के का असली नाम एस दिलीप कुमार है. ये बच्चा आज बॉलीवुड ही नहीं दुमियाभर में राज करता है. क्या आप इन्हें पहचान पाए?

9 साल की उम्र में उठा पिता का साया, पैसों की तंगी से बीच में छोड़ा स्कूल...इस लड़के जैसा आजतक कोई बना नहीं, पहचाना क्या?
फोटो में दिख रहा लड़का आज है बहुत बड़ा स्टार
नई दिल्ली:

इस तस्वीर में दिख रहे छोटा से बच्चे को पहचानना बेहद आसान है, क्योंकि इनकी फैन फॉलोइंग और पॉपुलैरिटी ही इतनी तगड़ी है. क्या आप पहचान पा रहे हैं कि ये कौन हैं? अगर नहीं तो चलिए आपको क्लू दे देते हैं. ये बच्चा आज फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बड़ा म्यूजिक कंपोजर है. अगर अभी भी आपको इस म्यूजिशियन को पहचानने में परेशानी हो रही है, तो चलिए आपको एक और हिंट देते हैं. ये बच्चा संगीत में ऑस्कर तक जीत चुका है. अगर अब भी आप इन्हें नहीं पहचान पाए तो चलिए हम इनका नाम ही आपको बता देते हैं. ये और कोई नहीं, बल्कि म्यूजिक कंपोजर एआर रहमान हैं.

फेमस म्यूजिक कंपोजर एआर रहमान की ये रेयरेस्ट ऑफ द रेयर फोटो है. ये उनके बचपन की तस्वीर है. इस तस्वीर में एआर रहमान अपने गुरु एमके अर्जुनन के साथ नजर आ रहे हैं. इनसे ही उन्होंने म्यूजिक का सा रे गा मा सीखा है. ये तस्वीर इंस्टा पर शेयर की गई है.

चार साल की उम्र में म्यूजिक से प्यार

संगीत से देश-विदेश में अपनी पहचान बनाने वाले एआर रहमान का सफर काफी संघर्षों से भरा रहा है. उनका जन्म 6 जनवरी 1967 को चेन्नई में हुआ था. उनका नाम एएस दिलीप कुमार था. पिता संगीतकार थे और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में म्यूजिक कंपोज करते थे. एआर रहमान जब चार साल के थे, तभी पियानो सीखना शुरू कर दिया था. संगीत में उनकी दिलचस्पी इतनी बढ़ी कि छोटी उम्र से ही पिता को असिस्ट करने लगे. जब एआर रहमान की उम्र 9 साल हुई, तब पिता का निधन हो गया. जिससे परिवार में आर्थिक परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा. फैमिली चलाने के लिए एआर रहमान 11 साल की उम्र से प्रोफेशनली पियानो बजाने लगे और इसी वजह से स्कूल तक छोड़ना पड़ा.

इस तरह मिली पहचान

एआर रहमान ने बाद में मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज स्कूल से पढ़ाई शुरू की लेकिन मां की इजाजत के बाद म्यूजिक में करियर बनाने स्कूल छोड़ दिया. फिर उन्होंने खुद का बैंड बनाया और विज्ञापनों के लिए जिंगल्स बनाने का काम करने लगे. एआर रहमान करीब 300 से ज्यादा जिंगल लिखे और कंपोज किए. धीरे-धीरे उन्हें पहचान मिली और जल्द ही फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया. रोजा फिल्म में उन्होंने जो म्यूजिक दिया उसके लिए नेशनल अवार्ड भी मिला. फिर वे कभी भी पीछे नहीं मुड़े और उनके गानों को विदेश तक पहचान मिली. साल 2009 में स्लमडॉग मिलेनियर के गाने के लिए उन्हें ऑस्कर का सम्मान मिला. 

सबसे सफल म्यूजिक कंपोजर

कभी फीस न भर पाने की वजह से स्कूल ड्रॉप आउट एआर रहमान को बाद में ऑक्सफोर्ड के ट्रिनिटी कॉलेज से स्कॉलरशिप मिली औऱ उन्होंने वहां से वेस्टर्न क्लॉसिकल म्यूजिक में डिग्री हासिल की. संघर्ष में पूरा बचपन निकाल देने वाले एआर रहमान आज देश के सबसे सक्सेस म्यूजिक कंपोजर्स में से एक हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली सिंगर भी हैं. एक गाने के लिए एआर रहमान को 3 करोड़ रुपए तक मिलते हैं. किसी कॉन्सर्ट्स में गाने के लिए भी उन्हें करोड़ो मिलते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके पास आज 600 करोड़ रुपए की नेटवर्थ है.

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