आज घर-घर में टीवी है और कई सीरियल्स आते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का पहला टीवी सीरियल कौन सा था और वो कैसे बना था. इसे जानने से पहले बता दें कि पहले टीवी सीरियल का आइडिया पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था. इस सीरियल का नाम 'हम लोग' था. ये साल 1984 में आया और देखते ही देखते लोगों का पसंदीदा बन गया. इसने कई रिकॉर्ड बनाए और दर्शकों के दिल में जगह भी. इस सीरियल की दीवानगी लोगों पर किस हद तक थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब 17 दिसंबर 1985 में इसे बंद कर किया गया तो हंगामा मच गया था, जमकर विरोध-प्रदर्शन तक हुए थे. 5 करोड़ दर्शक नाराज हो गए थे. आइए जानते हैं इसकी पूरी कहानी.
दूरदर्शन के इस सीरियल की गजब थी दीवानगी
दूरदर्शन की ऑडियो रिसर्च यूनिट की मानें तो 40 साल पहले आए टीवी सीरियल 'हम लोग' के हर एपिसोड की व्यूअरशिप 50 मिलियन यानी 5 करोड़ थी. इसे बनाने का आइडिया पूर्व पीएम इंदिया गांधी ने दिया था. दरअसल जब 1980 में इंदिरा गांधी एक बार फिर से सत्ता में आईं तो उन्हें एहसास हो चुका था कि समाज के कोने-कोने तक संवेदनशील मुद्दों और जागरुकता के लिए टीवी सीरियल जैसा असरदार मीडियम काम आ सकता है. 1981 में वो एक समिट में शामिल होने मेक्सिको गईं और वहां के डेली सोप, सीरियल्स के बारें में पता करने के बाद भारत में भी ऐसा ही कुछ करने का सोचने लगीं.
इस तरह बनने लगा पहले सीरियल का प्लान
इंदिरा गांधी फैमिली प्लानिंग पर डेली सोप बनाने की सोच रही थीं. वो एंटरटेनमेंट के साथ लोगों को जागरुक करना चाहती थीं. पीएम के आदेश पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तत्कालीन नए सेक्रेटरी एसएस गिल इसमें जुट गए. एक टीम बनाई गई जो 1983 में मेक्सिको पहुंची और वहां के डेली सोप के बारें में जाना. एसएस गिल वापस आकर शोभा डॉक्टर नाम की एक प्राइवेट प्रोड्यूसर से मिले और उनसे आइडिया शेयर किया. उन्होंने बताया कि सीरियल की कहानी फैमिली प्लानिंग, महिलाओं की कंडीशन और समाज के इस तरह के मुद्दों को लेकर संदेश देने वाले हों. 25 स्क्रिप्ट राइटर्स और प्रोड्यूसर्स के साथ मीटिंग के बाद आखिरकर इस डेली सोप का फाइनल टच दिया गया. तय किया गया कि हफ्ते में 5 दिन इसे टेलिकास्ट किया जाएगा. फिर जाकर बना सीरियल 'हम लोग'.
'हम लोग' के स्टार कास्ट और कहानी
'हम लोग' सीरियल की कहानी मिडिल क्लास जॉइंट फैमिली के सुख और दुख की कहानी थी. इसमें तस्करी, राजनीतिक भ्रष्टाचार और अंडरवर्ल्ड गतिविधियां भी शामिल की गई थी. 13वें एपिसोड में फैमिली प्लानिंग को शामिल किया गया था, बाद में बाकी सामाजिक मुद्दों पर एपिसोड बनते रहे. इस सीरियल का पहला एपिसोड 7 जुलाई 1984 को आया था.
इसमें सीमा भार्गव, विनोद नागपाल, सुषमा सेठ, दिव्या सेठ और अभिनव चतुर्वेदी जैसे सितारे लिए गए. देखते ही देखते इन सभी की एक्टिंग घर-घर पहुंचने लगी. यह इतना जबरदस्त तरीके से सुपरहिट हुआ कि इसे बनाने का खर्चा ऑन-एयर टाइम की सेल से ही निकल गया. सीरियल में हर एपिसोड के लास्ट में अभिनेता अशोक कुमार आते और दर्शकों से बात करने के साथ उन्हें कुछ ना कुछ मैसेज देते थे. सीरियल 17 महीनों तक चला. लोगों को इसमें अपनी कहानियां नजर आईं. इस सीरियल को लेकर तब अशोक कुमार को करीब 4 लाख चिट्ठियां आई थीं.
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