
दिलजीत दोसांझ की फिल्म पंजाब 95 दो साल से सेंसर बोर्ड में अटकी हुई है. इस फिल्म को लेकर बोर्ड ऐसा सख्त हुआ कि फिल्म मेकर्स भी अब समझ नहीं आ पा रहे हैं कि जब पहले इस तरह की फिल्में रिलीज हो चुकी हैं और कोई हंगामा नहीं हुआ तो फिर सच्ची घटनाओं पर आधारित उनकी फिल्म से सेंसर बोर्ड को इतनी परेशानी क्यों है. फिल्म के डायरेटर हनी त्रेहान ने एनडीटीवी से एक खास बातचीत में बताया कि सेंसर बोर्ड उनकी फिल्म को लेकर किस तरह के कट सजेस्ट कर रहे हैं.
जब एनडीटीवी ने हनी त्रेहान से पूछा, सेंसर बोर्ड की तरफ से किस तरह के सीन पर कट लगाने को कहा गया है या कौनसे सीन उन्हें आपत्तिजनक लग रहे हैं तो हनी ने कहा, फिल्म में गुरबाणी है...अब पंजाब की फिल्म है उसके गुरबाणी है तो क्या प्रॉब्लम है. आप गुरबाणी निकाल दीजिए. इसकी वजह क्या है ये उनको भी नहीं पता. इसके अलावा उनकी कहना है कि तरन तारण का नाम नहीं लिया जाएगा. दुर्गियाना पट्टी...ये सारी जगह जो फैक्ट्स हैं जो लीगल डॉक्युमेंट्स में हैं.
हनी ने बताया, तरन तारण श्मशान घाट से पहले 600 लाशें मिली थीं. बाद में ये आंकड़ा बढ़के 2097 हो गया. उसके बाद 6017...इसके बाद जज खालड़ा साहब की जो लड़ाई थी वो एस्टिमेटेड 25 हजार लाशों पर थी. 25 हजार का आंकड़ा आप नहीं बोल सकते. ये सारे नंबर नहीं यूज कर सकते. इन जगहों के नाम नहीं ले सकते. इन सबको फिक्शन कर दीजिए. इंदिरा गांधी का नाम नहीं ले सकते. उनके नाम को लेकर एक लाइन है मेरी फिल्म में कि पंजाब: 95- इंदिरा गांधी की हत्या हुए 11 साल हो चुके थे और पंजाब में सरकार बने तीन साल...क्या प्रॉब्लम है इस लाइन में.
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