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This Article is From Dec 22, 2020

'बीहड़ का बागी' के लिए मिली दिलीप आर्या को सराहना, ददुआ के सकारात्मक नजरिये से प्रभावित हैं एक्टर

एक्टर दिलीप आर्या (Dilip Arya) ने हाल ही में एमएक्स प्लेयर की सीरीज 'बीहड़ का बागी' (Beehad Ka Baghi) के जरिए एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा. इस सीरीज में एक्टर दिलीप आर्या को उनके किरदार डकैत ददुआ के लिए खूब सराहना मिल रही है.

'बीहड़ का बागी' के लिए मिली दिलीप आर्या को सराहना, ददुआ के सकारात्मक नजरिये से प्रभावित हैं एक्टर
'ददुआ' के किरदार के लिए मिली दिलीप आर्या (Dilip Arya) को सराहना
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
'बीहड़ का बागी' में 'ददुआ' के लिए मिली दिलीप आर्या को सराहना
दिलीप आर्या ने 'बीहड़ का बागी' के जरिए रखा एक्टिंग की दुनिया में कदम
'ददुआ' के सकारात्मक नजरिये से प्रभावित हैं दिलीप आर्या
नई दिल्ली:

एक्टर दिलीप आर्या (Dilip Arya) ने हाल ही में एमएक्स प्लेयर की सीरीज 'बीहड़ का बागी' (Beehad Ka Baghi) के जरिए एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा. इस सीरीज में एक्टर दिलीप आर्या को उनके किरदार डकैत ददुआ के लिए खूब सराहना मिल रही है. वेबसीरीज की कहानी के साथ-साथ दर्शक दिलीप आर्या के अभिनय को भी खूब पसंद कर रहे हैं. बीहड़ का बागी सीरीज में दिलीप आर्या द्वारा की गई प्रस्तुति काफी दृढ़ता भरी साबित हुई है. ददुआ के किरदार को लेकर खुद दिलीप आर्या ने भी बातचीत की और उन्होंने किरदार को लेकर की गई तैयारियों के बारे में भी काफी कुछ बताया. 

दिलीप आर्या (Dilip Arya) ने 'ददुआ' के किरदार के बारे में बात करते हुए कहा, "हमारी वेबसेरीज शिव कुमार पटेल के जीवन से प्रेरित है, जिन्हें ददुआ के नाम से जाना जाता है. सरकार के रिकॉर्ड में वह एक डकैत था, जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच गहरी घाटीयों में काम करता था. हालांकि, उसके इलाके के लोग उसे क्रांतिकारी और रॉबिनहुड के रूप में याद करते हैं. 2016 में धाता शहर में उसकी याद में एक मंदिर बनाया गया है. प्रोडक्शन टीम ने बहुत शोध किया और हम वास्तव में कुछ महीनों तक घाटियों में रहे. इसे और अधिक यथार्थवादी बनाने के लिए, मेरी वास्तविक मां भी परदे पर मेरी मां का किरदार निभा रही हैं."

बता दें कि 'बीहड़ का बागी' 'ददुआ' को उसकी टोली के कई सदस्यों के साथ जुलाई 2007 में पुलिस मुठभेड़ में गोली मार दी गई थी. दिलीप आर्या (Dilip Arya) ने 'ददुआ' के बारे में कहा, "ददुआ का उदय उसके निष्पक्ष, पारदर्शी व्यवहार और कमिटमेंट को पूरा करने की उसकी प्रकृति से हुआ. इसके अलावा वह महिलाओं का बहुत सम्मान करता था. किसी भी  महिलाऒ और बच्चों को कभी भी उससे या उसकी टोली के किसी सदस्यों से कोई परेशानी नहीं हुई थी. मुख्यधारा की राजनीति में उनका प्रवेश भी इस तथ्य का प्रमाण है. ददुआ द्वारा की गई उस क्षेत्र लोगों की मदद को आज भी जनता द्वारा याद किया जाता है. यहां तक कि उनके खिलाफ कई मामले दर्ज होने के बाद भी, कोई भी सरकारी एजेंसी उनकी एक भी तस्वीर प्राप्‍त नहीं कर पायी."
 

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