48वें इंटरनेशनल एमी अवार्ड्स (48th International Emmy Awards) में नेटफ्लिक्स की भारतीय सीरीज 'दिल्ली क्राइम (Delhi Crime)' को 'बेस्ट ड्रामा सीरीज' का अवार्ड मिला है. रिची मेहता द्वारा निर्देशित इस वेबसीरीज में एक्ट्रेस शेफाली शाह (Shefali Shah) ने डिप्टी कमिशनर ऑफ पुलिस का किरदार निभाया है, जिसे 2012 में हुए दिल दहला देने वाले गैंग रेप और हत्या के आरोपियों को खोजने का काम सौंपा जाता है. सीरीज में एक्टर संजय बिश्नोई (Sanjay Bishnoi) ने पीड़िता के दोस्त 'आकाश' का किरदार निभाया है. हाल ही में संजय ने एमी अवार्ड्स जीतने को लेकर एनडीटीवी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपना एक्सपीरियंस साझा किया.
-जब आपको पता चला कि 'दिल्ली क्राइम (Delhi Crime)' को बेस्ट सीरीज का अवार्ड मिला है, तो आपका पहला रिएक्शन क्या था? मैं तो चिल्ला रहा था, क्योंकि मैं अपने दोस्तों के साथ शो को लाइव देख रहा था. तो जैसे ही यह अवार्ड मिला, हम अगले 10 मिनट तक खूब जोर से चिल्लाए. यह बेहद अविश्वसनीय था. क्योंकि यह बाकई में एक बेहद बड़ा अवार्ड है और भारत में पहले किसी ने यह नहीं जीता था. तो यह हमारे लिए बेहद स्पेशल था.
-जब आपको 'आकाश' का किरदार ऑफर हुआ, तो आप इमोशनली इससे अटैच हुए?
यह मेरा पहला प्रोजेक्ट था. जब मुझे पता चला कि रिची मेहता इसे डायरेक्ट कर रहे हैं, इनके बारे में मैंने पहले काफी पढ़ रखा था. मुझे जानकारी मिली कि एक तरीके से यह हॉलीवुड प्रोजेक्ट है और यह बेहद ही बड़े प्लेटफॉर्म के लिए बन रहा है. तो यह मेरे लिए काफी एक्साइटिड था और मैं खुद को बहुत भाग्यशाली समझ रहा था कि मुझे इसका हिस्सा बनने का मौका मिल रहा है. इसके अलावा जब यह घटना हुई तो मैं स्टेज थ्रियेटर किया करता था. तब हमने इसको लेकर एक स्ट्रीट प्ले भी किया था. मैंने पहले भी इस मुद्दे पर काम किया हुआ था. तो जब मैंने स्किप्ट पढ़ी तो वह दिल दहला देने वाली थी. यह मेरे लिए एकदम रियल था.
-जब क्राइम सीन को दोबारा रिक्रिएट किया गया तो आपके मन में कैसे भाव थे?
वह मेरे लिए काफी भारी दिन था. क्योंकि सीन की शूटिंग असली लोकेशन पर हुई थी, जहां यह घटना घटी थी. जो एयरपोर्ट के काफी करीब थी. तो पहली बात तो यह कि मुझे बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था कि देश की राजधानी में शाम के 8 बजे बिजी सड़क पर एक महिला और लड़का सुरक्षित नहीं है. क्योंकि हम सोचते हैं कि बड़े शहर में हम सुरक्षित हैं. तो यह सोचना काफी डरावना होता है कि आप 8 बजे सुरक्षित नहीं हैं. अगर आप उस वातारण में हैं और पूरे समय उस घटना के बारे में सोचते हैं और जब आप लोकेशन पर पहुंचते हैं और सोचते हैं कि वह घटना यहां हुई थी. तो मुझे लगता है कि जगह भी आप पर एक अलग तरह का प्रभाव डालती है, जब आप वहां पर खड़े होते हैं. तो वह बेहद ही अलग तरह कि भावना थी. असल मैं सीन शूट करने से पहले हम पूरी तरह टूट गए थे. रिची मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे अच्छी चीजें कहीं. क्योंकि यह शूट का पहला दिन था और सीरीज का सबसे पहला सीन भी यही था. उन्होंने कहा था कि यहां 'ज्योति' की आत्मा पड़ी है और उसके साथ न्याय करो. मैं और मेरी को-एक्टर अभिलाषा जिन्होंने 'निर्भया' का किरदार निभाया है, यह सुनकर पूरी तरह से टूट चुके थे.
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