किसानों के लिए बॉलीवुड एक्ट्रेस ने की प्रार्थना, बोलीं- इस ठंड में वह अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और हम...

किसानों का समर्थन करते हुए हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस सिमी गरेवाल (Simi Garewal) ने ट्वीट किया है, जो सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है.

किसानों के लिए बॉलीवुड एक्ट्रेस ने की प्रार्थना, बोलीं- इस ठंड में वह अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और हम...

सिमी गरेवाल (Simi Garewal) ने किसानों के समर्थन में किया ट्वीट

खास बातें

  • किसानों के समर्थन में आईं सिमी गरेवाल
  • एक्ट्रेस ने की किसानों के लिए प्रार्थना
  • सिमी गरेवाल ने कहा कि वह ठंड में अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और...
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसान लगातार दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं और अपनी मांगों के लिए भी बेबाक नजर आ रहे हैं. ठंड के मौसम में भी किसान अपने इरादों को लेकर पीछे हटते हुए नहीं नजर आ रहे हैं. किसानों का समर्थन करते हुए हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस सिमी गरेवाल (Simi Garewal) ने ट्वीट किया है, जो सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है. अपने ट्वीट में सिमी गरेवाल ने कहा कि यहां जब हम अपने घरों में बैठे हुए हैं, हमारे किसान भाई इस ठंड को झेल रहे हैं. 

सिमी गरेवाल (Simi Garewal) ने किसानों का समर्थन करते हुए ट्वीट में लिखा, "हम आराम से अपने घरों में बैठें हैं, जबकि हमारे किसान भाई अपने अस्तित्व और अधिकारों के लिए इस ठंड में भी बहादुरी से जंग लड़ रहे हैं. यह दिल तोड़ने वाला है. भगवान इन योद्धाओं को सुरक्षित रखना." बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब सिमी गरेवाल किसी सामाजिक मुद्दे पर बेबाकी से अपने विचार पेश करती हुई दिखाई दी हों. इससे पहले भी उन्होंने कई समसामयिक मुद्दों पर ट्वीट किया है, जो खूब वायरल भी होते हैं. 

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बता दें कि सिंघू बॉर्डर पर किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "'सरकार ने कृषि कानूनों पर अपना रुख साफ कर दिया है कि वह उन्हें वापस नहीं लेगी. सरकार ने पत्र जारी किया है जिसमें कहा है कि यदि किसान कानूनों (Farm Laws) में संशोधन चाहते हैं तो वे बातचीत के लिए समय और तारीख तय करके बताएं. यह सरकार का आगे बढ़ने वाला एक कदम नहीं है, बल्कि किसानों को बरगलाए जाने का एक तरीका है. एक सामान्य व्यक्ति यही सोचेगा कि किसान जिद्दी हैं लेकिन तथ्य यह है कि हम कृषि कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं, हम चाहते हैं कि वे पूरी तरह से रद्द किए जाएं."