बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ( BHU) के संस्कृत विभाग में मुस्लिम शिक्षक फिरोज खान (Firoze Khan) की नियुक्ति मामले पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. इसको लेकर छात्र धरने पर बैठे हुए हैं और पढ़ाई-लिखाई पिछले 12 दिनों से पूरी तरह ठप है. छात्रों के इस रवैये पर बॉलीवुड गलियारे से भी रिएक्शन आने शुरू हो गए हैं. बॉलीवुड एक्टर और पूर्व बीजेपी सांसद परेश रावल (Paresh Rawal) ने इस मामले पर अपनी राय रखी है. उन्होंने इस संबंध में कुछ ट्वीट किए हैं, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. परेश रावल के इस ट्वीट पर लोग भी खूब रिएक्शन दे रहे हैं.
Stunned by the protest against professor Feroz Khan !what language has to do with Religion!?!?!? Irony is professor Feroz has done his masters and PhD in Sanskrit !!! For Heavens sake stop this god damn idiocy !
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) 19 नवंबर 2019
परेश रावल (Paresh Rawal) ने अपने पहले ट्वीट में लिखा: "प्रोफेसर फिरोज खान (Firoze Khan) के विरोध से स्तब्ध हूं. किसी भाषा का धर्म से क्या लेना-देना है. प्रोफेसर फिरोज खान ने अपना मास्टर्स और पीएचडी संस्कृत में किया है तो इसमें अचंभा क्या है. उनका विरोध करना मूर्खता है." परेश रावल ने इस तरह इस मामले पर अपना रिएक्शन दिया. उन्होंने थोड़ी देर बाद इसको लेकर एक और ट्वीट किया.
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By same logic great singer late Shri Mohammad Rafi ji should not have sung any BHAJANS and Naushad Saab should not have composed it !!!!
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) 19 नवंबर 2019
परेश रावल (Paresh Rawal) ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा: "इस हिसाब से महान गायक श्री मोहम्मद रफी (Mohammed Rafi) को कोई भजन नहीं गाना चाहिए था और नौशाद साहब को इसे कंपोज नहीं करना चाहिए था." परेश रावल अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं और इस ट्वीट में उन्होंने उसी अंदाज में प्रोफेसर फिरोज खान (Firoze Khan) का समर्थन किया. अब परेश रावल के यह ट्वीट वायरल हो रहे हैं.
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इससे पहले बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) ने संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्राध्यापक की नियुक्ति का शुक्रवार को बचाव किया था और कहा था कि वह धर्म, जाति, समुदाय अथवा लैंगिक भेदभाव किए बिना हर व्यक्ति को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. बीएचयू का यह स्पष्टीकरण तब आया जब आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने संस्कृत साहित्य विभाग में फिरोज खान का सहायक प्राध्यापक पद पर नियुक्ति का विरोध किया था. बीएचयू ने एक बयान में कहा कि प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि चयन समिति ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार सर्वसम्मति से उक्त उम्मीदवार के चयन की अनुशंसा की है. इसमें कहा गया था कि कुलपति राकेश भटनागर की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने पांच नवंबर को मुलाकात की और साक्षात्कार में आवदेक के प्रदर्शन को देखते हुए इस पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार की अनुशंसा की.
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