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बॉलीवुड ने दांव पर लगाए 550 करोड़, 13 फिल्में होंगी रिलीज, बॉक्स ऑफिस पर मुनाफा कमाने के लिए करनी होगी इतने करोड़ की कलेक्शन

फिल्म के जानकारों के मुताबिक जुलाई बॉलीवुड के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. कई बड़ी और एवरेज फिल्मों का बजट जोड़ें तो करीब 550 करोड़ रुपये दांव पर लगे हैं.

बॉलीवुड ने दांव पर लगाए 550 करोड़, 13 फिल्में होंगी रिलीज, बॉक्स ऑफिस पर मुनाफा कमाने के लिए करनी होगी इतने करोड़ की कलेक्शन
जुलाई में बॉक्स ऑफिर पर बंपर कमाई!
नई दिल्ली:

फिल्मी कारोबार के लिहाज से जुलाई का महीना इस साल बेहद अहम साबित हो सकता है. महीने की शुरुआत में ‘मेट्रो… इन दिनों' जैसी स्टारकास्ट से सजी फिल्म रिलीज हो चुकी है और अब पूरे जुलाई में थिएटर और ओटीटी मिलाकर 15 से ज्यादा हिंदी फिल्मों के रिलीज होने की तैयारी है. इसमें कई बड़ी और एवरेज फिल्मों का बजट जोड़ें तो करीब 550 करोड़ रुपये दांव पर लगे हैं. फिल्म के जानकारों के मुताबिक जुलाई बॉलीवुड के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. स्कूल–कॉलेजों की छुट्टियां, मॉनसून का मौसम और लंबे वीकेंड, सब मिलकर इस महीने को प्रोड्यूसरों के लिए आकर्षक बनाते हैं. यही वजह है कि कई बड़े प्रोजेक्ट जुलाई में रिलीज किए जा रहे हैं.

फिल्म कारोबार विशेषज्ञ गिरीश वानखेड़े का कहना है, “जुलाई में करीब 18 या 20 फिल्में हैं जिनमें 2 ओटीटी पर हैं, 2 इंग्लिश फिल्में हैं और करीब 13 हिंदी फिल्में हैं जो प्रमुख तौर पर थिएटर में आएंगी. हिंदी की इन 13 फिल्मों की लागत करीब 500 से साढ़े 500 करोड़ रुपये के बीच है. इनमें से ‘मेट्रो… इन दिनों' तो पहले ही रिलीज हो चुकी है. उसके अलावा ‘मालिक', ‘आंखों की गुस्ताखियां', ‘सैयारा', ‘सन ऑफ सरदार 2', ‘परम सुंदरी' और कई दूसरी फिल्में भी रिलीज होंगी.

बॉक्स ऑफिस पर होगी पैसों की बरसात

गिरीश इन फिल्मों की कमायी के बारे में अंदाजा लगाते हुए कहते हैं, “इन सारी फिल्मों की लागत को देखें तो हमें लगता है कि इस महीने में कुल कलेक्शन कम से कम 1000 से 1200 करोड़ रुपये होना चाहिए. क्योंकि अगर इनमें से 50% फिल्में भी एवरेज या थोड़ी कम एवरेज चलीं तो भी हमारा बिजनेस हजार से 1100 करोड़ रुपये के बीच होगा.”

वहीं जयपुर से सिनेमा मालिक और फ़िल्म वितरक अभिमन्यु बंसल कहते हैं, “एक अच्छी बात ये है कि भले ही सभी फिल्में एक ही महीने में आ रही हैं, लेकिन इनमें शोकेसिंग को लेकर कोई लड़ाई नहीं है. हर हफ्ते तीन से चार फिल्में आ रही हैं और क्योंकि इनमें छोटे और बड़े बजट की फिल्मों का अच्छा संतुलन है. इसलिए जिस फिल्म को जितनी स्क्रीन की जरूरत है, उतनी उसे मिल रही है.”

अभिमन्यु ने क्लैश की वजह से नुकसान पर कहा “इससे कोई बड़ा क्लैश नहीं हो रहा और रेवेन्यू लॉस भी बेहद मामूली है. हां, बेहतर यही होता कि ये फिल्में थोड़ा फैलकर रिलीज होतीं. जैसे पिछले दो महीनों में रिलीज कम रही थीं तो कुछ छोटी फिल्में पहले आ सकती थीं. उन्हें ज्यादा स्क्रीन्स और लंबी दौड़ का फायदा मिलता.”

‘मेट्रो… इन दिनों' का बजट लगभग 100 करोड़ रुपये बताया जा रहा है. इसके बाद 11 जुलाई को दो अहम फिल्में बॉक्स ऑफिस पर टकराएंगी ‘आँखों की गुस्ताखियाँ' और ‘मलिक' जिनका बजट लगभग 50–50 करोड़ रुपये है.

18 जुलाई को भी क्लैश देखने को मिलेगा. मोहित सूरी की रोमांटिक ड्रामा ‘सैयारा' (60 करोड़), ‘निकिता रॉय' (50 करोड़) और ‘तन्वी द ग्रेट' (30 करोड़) एक ही दिन थिएटर में उतरेंगी. इन तीनों की भिड़ंत से स्क्रीन और दर्शक बंटने की आशंका है. महीने के आखिर में 25 जुलाई को सबसे बड़ा मुकाबला होने वाला है. ‘सन ऑफ सरदार 2' (150 करोड़ रुपये) और ‘परम सुंदरी' (60 करोड़ रुपये) जैसी बड़े बजट की फिल्में उसी दिन रिलीज होंगी. अगर यह महीना अच्छा जाता है तो साल के बाकी महीनों में भी निवेशकों और प्रोड्यूसरों का भरोसा मजबूत होगा.

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