बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख ने दिवंगत अभिनेता शम्मी कपूर को याद करते हुए कहा कि वह उनके परिवार की तरह थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह उन्हें 'चाचू' कहकर बुलाती थीं. शम्मी कपूर के साथ 1966 की फिल्म 'तीसरी मंजिल' में काम करने वाली अभिनेत्री ने कहा, “पसंदीदा सह-कलाकार चुनना मुश्किल है, लेकिन शम्मी जी के साथ काम करना हमेशा से ही एक खास तरह का अनुभव रहा है. वह एक को-स्टार से कहीं बढ़कर थे. वह मेरे लिए परिवार की तरह थे. मैं उन्हें प्यार से ‘चाचू' कहती थी.”
आशा पारेख ने आगे कहा, “स्वाभाविक रूप से तालमेल के साथ काम करने से सब कुछ आसान हो गया. उनके काम करने का तरीका बहुत अलग था. उनकी सबसे खास बात यह थी कि जब भी उन पर कोई गाना फिल्माया जाता था, तो ऐसा लगता था कि जैसे संगीत उनके पूरे शरीर में बह रहा हो.” कोरियोग्राफी पर बात करते हुए अभिनेत्री ने कहा, “हमारे पास हमारे सीक्वेंस के लिए कोई डांस मास्टर नहीं था. हमने सब कुछ खुद ही कोरियोग्राफ किया. वह कहते थे, ‘तुम यह करो' और मैं जवाब देती थी, ‘मैं वह करूंगी' और स्टेप्स बड़े ही आराम से किए जाते थे. वह बहुत एनर्जेटिक थे.''
विजय आनंद द्वारा निर्देशित फिल्म 'तीसरी मंजिल' में हेलेन, प्रेमनाथ, इफ्तिखार और प्रेम चोपड़ा भी सहायक भूमिकाओं में हैं. अभिनेत्री शो "सा रे गा मा पा" में एक अतिथि के तौर पर शामिल हुईं. यह शो जी टीवी पर प्रसारित होता है. आशा पारेख की बात करें तो उन्होंने चार दशक से ज्यादा लंबे करियर में 85 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. उन्होंने 1952 में 'मां' से एक बाल कलाकार के रूप में अपनी शुरुआत की. बाद में अभिनेत्री को 'दिल देके देखो', 'जब प्यार किसी से होता है', 'भरोसा', 'लव इन टोक्यो', 'दो बदन', 'कटी पतंग', 'उपकार', 'कारवां', 'आन मिलो सजना' और 'कालिया' जैसी फिल्मों में देखा गया.
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