अमरीश पुरी उन चंद अभिनेताओं में से एक है, जिन्होंने जिस कैरेक्टर को हाथ लगाया उसे सोना बना दिया. वो चाहें विलेन बन कर पर्दे पर आए हों या फिर कैरेक्टर रोल में स्क्रीन पर हों, उनका हर अंदाज दर्शकों का दिल जीतने वाला रहा है. इतना ही नहीं अमरीश पुरी ने कॉमिक रोल भी उतने ही परफेक्शन के साथ किए हैं. ऐसे उम्दा कलाकार को मौत ने बहुत ही बेरहमी के साथ उनके फैन्स से छीन लिया था. अपने आखिरी दिनों में एक खास किस्म के सिंड्रोम से जूझ रहे थे अमरीश पुरी. वो लगातार कमजोर हो रहे थे फिर भी अपनी अंतिम पांच फिल्मों में उन्होंने पूरी शिद्दत से काम किया. जब आखिरी समय आया तो अपने बेटे को सिर्फ चार शब्द ही कह सके.
अमरीश पुरी की आखिरी पांच फिल्में
साल 2003 में अमरीश पुरी को खुद को हुई बीमारी का पता चला. उस बीमारी की वजह से उन्हें भूख लगना कम हो गई थी और वो लगातार कमजोर हो रहे थे. इसके बावजूद उन्होंने अपने सारे कमिटमेंट पूरे किए थे. उन्होंने पांच फिल्में ठीक रहते हुए साइन की थीं. इन पांच फिल्मों में कच्ची सड़क, मुझ से शादी करोगे, किसना, हलचल और ऐतराज शामिल थी. वो चाहते थे कि उनकी हालात ज्यादा गंभीर हो जाए उससे पहले वो फिल्में पूरी कर सकें. और उन्होंने ऐसा किया भी 15 दिसंबर 2004 से पहले उन्होंने अपनी फिल्मों की शूटिंग पूरी की.
ये थे आखिरी शब्द
असल में साल 2003 में जाल द ट्रेप की शूटिंग करते समय उनका एक्सीडेंट हो गया था. इस एक्सीडेंट में उन्हें गंभीर चोटें आई और, उन्हें खून चढ़ाना पड़ा. इसके बाद वो माइलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम के शिकार हो गए. जिस में उन्हें भूख भी नहीं लगती थी और वो लगातार कमजोर हो रहे थे. उनके बेटे राजीव के मुताबिक शूटिंग के बाद कुछ समय वो घर पर आराम कर रहे थे. तब उनसे बेटे ने पूछा वो कैसा महसूस कर रहे थे. तब उन्होंने सिर्फ चार शब्द कल से बेहतर हूं. इसके कुछ समय बाद 12 जनवरी 2005 को उनका निधन हो गया.
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