जनता कर्फ्यू के दिन हो गया था बॉलीवुड एक्ट्रेस के पिता का निधन, Video कॉल के जरिए अंतिम संस्कार में हुईं थीं शामिल

जनता कर्फ्यू के दिन ही 'कुछ कुछ होता है' की एक्ट्रेस सना सईद (Sana Saeed) के पिता का निधन हो गया था, जिसकी वजह से एक्ट्रेस पिता के अंतिम संस्कार में भी वीडियो कॉल के जरिए ही शामिल हो पाई थीं.

जनता कर्फ्यू के दिन हो गया था बॉलीवुड एक्ट्रेस के पिता का निधन, Video कॉल के जरिए अंतिम संस्कार में हुईं थीं शामिल

सना सईद (Sana Saeed) के पिता का 'जनता कर्फ्यू' के दिन हुआ था निधन

खास बातें

  • सना सईद के पिता का जनता कर्फ्यू के दिन हुआ था निधन
  • एक्ट्रेस वीडियो कॉल पर ही अंतिम संस्कार में हुई थीं शामिल
  • सना सईद ने 'कुछ कुछ होता है' से बनाई थी पहचान
नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण पीएम नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को लोगों से 'जनता कर्फ्यू' का पालन करने के लिए कहा था और किसी से भी घर से न निकलने का अनुरोध भी किया था. लेकिन जनता कर्फ्यू के दिन ही 'कुछ कुछ होता है' की एक्ट्रेस सना सईद (Sana Saeed) के पिता का निधन हो गया था, जिसकी वजह से एक्ट्रेस पिता के अंतिम संस्कार में भी वीडियो कॉल के जरिए ही शामिल हो पाई थीं. इस बात का खुलासा एक्ट्रेस ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में किया. उन्होंने बताया वह उन दिनों लॉस एंजिलिस एक इवेंट में शामिल होने गई थीं, लेकिन यात्रा प्रतिबंधों के कारण वह वहां से नहीं लौट पाई थीं. 

सना सईद (Sana Saeed) ने इस बारे में बात करते हुए कहा, "इस खबर को झेलना मेरे लिए काफी मुश्किल था. इससे पहले से ही मैं आइसोलेशन में थीं और मेरे साथ कोई नहीं था. यह मेरे लिए बहुत ही कठिन और बहुत ही बुरा था." सना ने अपने इंटरव्यू में बताया कि उनके पिता डायबिटीज के मरीज थे. उन्होंने आगे बताया, "वह आखिरी के कुछ महीनों में बीमार पड़ गए और हॉस्पिटल में भी भर्ती हो गए. हालांकि, कुछ दिनों बाद उनकी हालत स्थिर हो गई थी और वह घर लौट आए थे. वरना मैं उनका साथ नहीं छोड़ती. यहां तक कि मैंने आखिरी के महीनों में कुछ काम भी नहीं लिया था, क्योंकि मैं अपने पिता के साथ रहना चाहती थी."

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सना सईद (Sana Saeed) ने अपने इंटरव्यू में स्थिति के बारे में आगे बताया, "मैंने अपने आप को दुनिया से दूर कुछ दिनों के लिए अलग कर लिया था और केवल अपने परिवार से ही जुड़ी हुई थी. मैं उनके साथ रहना चाहती थी और उन्हें गले लगाना चाहती थी. हर समय मैं उदास रहती थी. मैं अपने पिता से बहुत प्यार करती थी. लेकिन मुझे इस तथ्य पर आना ही पड़ा कि मैं अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए उपस्थित नहीं हो सकती हूं. मैं इस स्थिति से लड़ने की बजाय शांति से काम करने के बारे में सोचा."