1960 के दशक में हिंदू सिनेमा की मशहूर एक्ट्रेस विमी ने अपनी सुंदरता और अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया था. 1943 में पंजाब के एक सिख परिवार में जन्मी विमी फिल्मों में आने से पहले ही वह अपने शालीन व्यवहार और सुंदरता के लिए जानी जाती थीं. अभिनय की दुनिया में अपनी एक मजबूत पहचान बनाने वाली विमी की असमय मौत ने लोगों को अंदर तक झकझोर कर रख दिया.
रईसी और शोहरत से भरी शुरुआत
1943 में जालंधर के एक संपन्न परिवार में जन्मी विमी की जिंदगी कभी ऐशो-आराम में गुज़री थी. कम उम्र में ही उनकी शादी मशहूर कारोबारी के बेटे शिव अग्रवाल से हुई और दो बच्चों की मां बनने के बाद भी वो बेहद आकर्षक और आत्मविश्वासी थीं।
एक बार कोलकाता की एक हाई-प्रोफाइल पार्टी में, म्यूजिक डायरेक्टर रवि की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने वहीं कहा, “आप फिल्मों में क्यों नहीं काम करतीं?” पहले तो विमी हंस पड़ीं, लेकिन रवि ने उन्हें मुंबई बुलाने का वादा किया और जल्द ही उनके पति शिव भी इस विचार के साथ तैयार हो गए। मुंबई पहुंचते ही रवि ने विमी की मुलाकात निर्देशक बी.आर. चोपड़ा से करवाई। उस समय चोपड़ा फिल्म हमराज बना रहे थे और नए चेहरे की तलाश में थे। विमी की सादगी और सौंदर्य देखकर उन्होंने तुरंत उन्हें मीना का किरदार दे दिया।
1967 में रिलीज़ हुई हमराज़ ब्लॉकबस्टर साबित हुई. राजकुमार और सुनील दत्त जैसे दिग्गजों के बीच विमी ने अपनी उपस्थिति से दर्शकों का दिल जीत लिया.
करियर में पति का दखल और नीचे गिरने की शुरुआत
शोहरत के साथ उनके पति का नियंत्रण भी बढ़ता गया. शिव हर फिल्म, हर फीस, और हर अनुबंध में दखल देने लगे. बी.आर. चोपड़ा के साथ 3 फिल्मों का कॉन्ट्रैक्ट होने के बावजूद विमी चाहती थीं कि वो जल्दी आगे बढ़ें, लेकिन पति के दखल और जिद ने उनका करियर रोक दिया. एक विवाद के बाद चोपड़ा ने उनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया.
जॉली का साथ और अंधेरी राह
कभी जुहू के बंगले में रईसी से रहने वाली विमी अब एक छोटे से किराए के घर में रहने को मजबूर थीं. शराब के नशे में डूबे पति शिव अब मारपीट करने लगे. इस बीच उनकी मुलाकात जॉली नाम के प्रोड्यूसर से हुई. जॉली ने उन्हें कंधा दिया. विमी ने पति का साथ छोड़ा और जॉली के साथ रहना शुरू कर दिया, और धीरे-धीरे जॉली ने उन्हें जबरदस्ती देह व्यापार में धकेल दिया.
ठेले में अंतिम यात्रा
लगातार शराब और स्ट्रेस ने उनके लिवर को पूरी तरह खराब कर दिया. 22 अगस्त 1977 को विमी का निधन हो गया. जब अस्पताल ने जॉली को बुलाया, तो उसके पास एंबुलेंस के पैसे तक नहीं थे. उसने एक ठेला उधार लिया और उसी में मशहूर अदाकारा विमी का शव श्मशान घाट तक ले गया.
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