
हॉरर फिल्में आज के जमाने में कई देखने को मिल जाती है. लेकिन 60 के दशक में डराने वाली साइकोलॉजिकल थ्रिलर का कम ही नाम आने सुना होगा. इन्हीं में से एक सुपरहिट फिल्म, जिसमें कोहरे से भरी अंधेरी रात. चारों ओर पसरा सन्नाटा. उस सन्नाटे को चीरती एक दिल छू लेने वाली आवाज, जिसे सुनकर गांव वालों का दिल सहम जाता था. लेकिन जितनी मधुर यह आवाज थी, उतना ही गहरा इसका डर भी, जिसके कारण सभी अपने घरों में दुबक जाते. हम बात कर हॉरर-मिस्ट्री के शौकीनों के लिए फिल्म '20 साल बाद' की, जो 1962 में रिलीज हुई थी, और इसे खूब पसंद किया गया था.
बीस साल बाद की कहानी एक गांव की है. जहां ठाकुर कुछ ऐसा करता है कि एक लड़की खुदकुशी कर लेती है. लेकिन वो ठाकुर खुद भी मर जाता है. इसके बाद लोग मानने लगते हैं कि लड़की ने बदला ले लिया. फिर ठाकुर के परिवार के अन्य सदस्यों की भी मौत हो जाती है. लेकिन एक दिन ठाकुर का पोता एक्टर विश्वजीत आता है, जिसे भी एक लड़की की आवाज सुनाई देती है, और वह परेशान हो जाता है.
इस फिल्म के गाने भी बेहद खूबसूरत और दिल जीतने वाले हैं. फिल्म में विश्वजीत और वहीदा रहमान लीड रोल में हैं. इसके गाने चित्रहार या दूरदर्शन पर अक्सर दिखाया जाता था. तो रहस्य की एक दुनिया हावी हो जाती थी. अब यह फिल्म ओटीटी पर मौजूद है. इसे इरोज पर देखा जा सकता है. फिल्म का डायरेक्शन बिरेन नाग ने किया था. जबकि इसका म्यूजिक हेमंत कुमार ने तैयार किया था. खास बात यह है कि फिल्म को 1986 में इसी नाम से मिथुन चक्रवर्ती के साथ बनाया गया था.
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