बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish kumar)के लिए राजनीतिक मुश्किलें बढ़ रही हैं. जातिगत जनगणना पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने उनके टालमटोल के रवैए से तंग आकर अब अगले दो से तीन दिन के अंदर समय मांगा है और कहा हैं कि वे समझना चाहते हैं कि आख़िर सीएम की मंशा क्या है? गौरतलब है किमुख्यमंत्री से जब भी जातिगत जनगणना के बारे में पूछा जाता हैं तो पिछले कई महीनों से उनका जवाब कमोबेश यही होता है, 'हम तो चाहेंगे, सब पार्टी के लोग बैठ जाएं और सब पार्टी के लोग बताएं कि कैसे होना चाहिए.कई राज्य तो कर ही रहे हैं.अपने-अपने ढंग से कर रहे हैं. हालांकि नीतीश के इस 'रटेरटाये' जवाब पर विपक्ष को शक है कि सीएम ने भाजपा के दबाव में अगला कदम उठाने के बजाय इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया है क्योंकि उनके अनुसार जब सरकार का सारा राजकाज चल रहा हैं तो आख़िर इस काम में क्या अड़चन आ रही हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस मसले पर सीएम से समय मांगने के पीछे के कारण भी गिनाए.
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव कहते हैं, 'नीतीश कुमारजी कैबिनेट में लाके प्रस्ताव पारित करा ले नहीं तो अपनी स्थिति स्पष्ट करें. वे बोललें हम बहुत कमजोर हैं, भारी दबाव है. हम अपनी कुर्सी के लिए कुछ नहीं कर सकते लेकिन हमको इंतज़ार रहेगा हमको समय देते हैं या नहीं देते हैं.' उधर, तेजस्वी के इस बयान पर सत्तारूढ़ एनडीए के नेताओं का कहना था कि नीतीश ने अपना स्टैंड साफ़ कर दिया हैं. संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, ' कल ही उन्होंने (सीएम ने) कहा है कि विचार कर रहे हैं और जल्द सर्वदलीय बैठक कराएंगे.' राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा, 'नेता प्रतिपक्ष कुछ भी कर सकते हैं, राजनीतिक रूप से किसी को कुछ करने पर रोक नहीं हैं.'
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