अब जनसंख्या नियंत्रण पर बिहार BJP अध्यक्ष की नीतीश को नसीहत, बोले- इस वजह से है राज्य फिसड्डी

जायसवाल ने कहा कि जहां देश जनसंख्या पर काफी हद तक नियंत्रण कर चुका है, वहीं हम आज भी तीन गुना रफ्तार पकड़े हुए हैं और इसे रोकने की कोई योजना नहीं बना रहे. बिहार में जितने नए अस्पताल और स्कूल बनते हैं उससे ज्यादा बच्चे हम पैदा कर लेते हैं.

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फाइल फोटो
पटना:

जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) पर बिहार भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के राय एक दूसरे से मेल नहीं खाते और इस विषय पर भी नीतीश कुमार को नसीहत विपक्ष के बजाय सत्ता में उनके सहयोगी और बड़े भाई भाजपा से मिल रही है. मुख्यमंत्री ने सोमवार को पत्रकारों के साथ सवाल जवाब में जनसंख्या नियंत्रण पर कानून लाने को लेकर अपना विरोध जताया था और गुरुवार को बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल (Bihar BJP President Sanjay Jaiswal) ने साफ शब्दों में कह दिया कि विकास करने के बाद भी केवल जनसंख्या वृद्धि के कारण बिहार फिसड्डी है.

अपने फेसबुक पोस्ट में बिहार में पिछले कुछ दिनों से जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर हो रही चर्चा के बीच गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि विकास करने के बाद भी केवल जनसंख्या वृद्धि के कारण बिहार फिसड्डी दिखता है. उन्होंने इसके लिए कानून बनाने और बेटियों को पढ़ाने से जनसंख्या स्थिरीकरण को भी सिरे से नकार दिया.

भाजपा नेता डॉ जायसवाल ने अपने फेसबुक वॉल पर जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर दिए गए अपने विचार में स्पष्ट रूप से कहा है कि इसे लेकर कानून बनाने और बेटियों को पढ़ाते रहने से जनसंख्या स्थिरीकरण की दलीलों को सही नहीं मानते. उन्होंने कहा कि भारत की आबादी 464 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है. सिर्फ 10 साल पहले यह 382 थी. वहीं बिहार की आबादी 1224 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है. हम भारत के अनुपात से भी 3 गुना ज्यादा हैं.

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संजय जायसवाल ने कहा कि इसके लिए हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने से इसका निदान नहीं निकलेगा. एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस देश में पहली बार बालिका साइकिल योजना चलाई थी. मुझे याद है कि उस समय मैं किसी छोटी बच्ची से पूछता था कि तुम्हें क्या करना है तो उसका जवाब रहता था कि मैं नवीं कक्षा में पढ़ना चाहती हूं, जिससे मुझे साइकिल मिल सके. आज उसी बालिका साइकिल योजना का परिणाम है कि स्त्री (बालिका) शिक्षा की उन्नति में 2 पीढ़ियों का लगने वाला समय महज 2 सालों में पाट दिया. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए भी इसी तरह योजना बनाकर कम बच्चे वालों को हमें प्रोत्साहित करना होगा.

बेतिया सांसद ने कहा कि जैसे जब हम 6000 रुपये पहले दो बच्चे पैदा करने के लिए दे सकते हैं तो एक बच्चे वाले को भी हम एक बड़ी आर्थिक सहायता के साथ पूरे परिवार का बीमा और बिहार के हर स्कूल में पहला एडमिशन एक बच्चे वाले परिवार को देने के अधिकार, जैसी प्रोत्साहन योजनाएं चलाकर लक्ष्य तेजी से हासिल कर सकते हैं.

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जायसवाल ने कहा कि जहां भारत जनसंख्या स्थिरीकरण प्राप्त कर चुका है वहीं हम आज भी 3 गुना रफ्तार पकड़े हुए हैं और इसे रोकने की कोई योजना नहीं बना रहे. बिहार में जितने नए अस्पताल और स्कूल बनते हैं उससे ज्यादा बच्चे हम पैदा कर लेते हैं. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि दक्षिण के राज्यों ने 80 के दशक में ही जनसंख्या स्थिरीकरण प्राप्त कर लिया. वहां कोई विकास होता है तो वह राज्य के मानकों को बेहतर करता है. हम इतना विकास करने के बाद भी केवल जनसंख्या वृद्धि के कारण फिसड्डी दिखते हैं.

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