'निहारो छठी माई के' का एक दृश्य
नई दिल्ली:
इस बार बिहार के महापर्व छठ के मौके पर सांप्रदायिक सौहार्द का रंग छठ के गीतो में साफ नजर आ रहा है. छठ के लिए तैयार किए गए कल्पना पटवारी ने अपने गीत में ऐसी ही कोशिश की थी. अब बारी सिंगर आकांक्षा वर्मा की है. छठ के मौके पर 36 घंटे का निर्जला व्रत काफी महत्व रखता है. महापर्व छठ को दर्शकों तक पहुंचाने के लिए प्रवीण सिन्हा ‘निहोरा छठी माई के’ लेकर आए हैं. इस एल्बम में दिखाया गया है कि मां अपने घर की परंपरा को खत्म होते देख रही है क्योंकि एकमात्र बेटा, मुस्लिम बहू ले आया है, तो उन्हें यह चिंता सताती है कि उनके बाद उनकी परंपरा को निभाने वाला कोई नहीं होगा.
यह भी पढ़ें : Chhath 2017: शारदा सिन्हा के इन 5 गानों ने बढ़ाई छठ की रौनक
इस वीडियो में दिखाया गया है कि बहू ने धर्म की अपेक्षा अपने कर्तव्यों को ज्यादा तवज्जो दी. उसने यह महसूस किया की भगवान और अल्लाह में फर्क नहीं है! फर्क सिर्फ हमारी सोच तक सीमित है और इस तरह घर की बहू होने के नाते वह छठ की परंपरा को बरकरार रखना चाहती है. और उसके इस समर्पण को देखकर पूरा परिवार छठ मनाने में उसकी मदद करता है. यह वीडियो यूट्यूब पर खूब पसंद किया जा रहा है. यह पहली कोशिश है कि कोई म्यूजिक वीडियो सच्ची घटना पर आधारित है.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
यह भी पढ़ें : Chhath 2017: शारदा सिन्हा के इन 5 गानों ने बढ़ाई छठ की रौनक
इस वीडियो में दिखाया गया है कि बहू ने धर्म की अपेक्षा अपने कर्तव्यों को ज्यादा तवज्जो दी. उसने यह महसूस किया की भगवान और अल्लाह में फर्क नहीं है! फर्क सिर्फ हमारी सोच तक सीमित है और इस तरह घर की बहू होने के नाते वह छठ की परंपरा को बरकरार रखना चाहती है. और उसके इस समर्पण को देखकर पूरा परिवार छठ मनाने में उसकी मदद करता है. यह वीडियो यूट्यूब पर खूब पसंद किया जा रहा है. यह पहली कोशिश है कि कोई म्यूजिक वीडियो सच्ची घटना पर आधारित है.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं