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This Article is From Sep 14, 2017

वो 'बाबा' सरेआम महिला को पीट रहा था और...

लोगों की भीड़ लगी थी और एक बाबा था कि औरत के ऊपर अपना कहर बरपा रहा था, और फिर कुछ ऐसा हुआ...

वो 'बाबा' सरेआम महिला को पीट रहा था और...
भोजपुरी फिल्म 'डमरू' की शूटिंग का सीन
नई दिल्ली: भगवान भोले शंकर की नगरी वाराणसी के सारनाथ स्थित चौबेपुर गांव में एक पेड़ के नीचे काफी भीड़ लगी थी. काले कपड़ों में एक बाबा औरत को बांधे हुआ था. कुछ मर्द भी कुछ अटपटी हरकतें कर रहे थे और बाबा एक डंडे से सबको मार रहा था. लेकिन जैसे ही तीन लोग आकर वहां रुके, बाबा अचानक खुद को ही पीटने लगा और वहां से भाग खड़ा हुआ. अरे घबराइए मत, यहां किसी महिला का शोषण नहीं हो रहा बल्कि भोजपुरी फिल्म ‘डमरू’ की शूटिंग हो रही थी.

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शूटिंग में भोजपुरी फिल्‍मों के सुपर स्‍टार खेसारीलाल यादव, अवधेश मिश्रा, रोहित सिंह मटरू और आंनद मोहन पांडेय मौजूद थे. फिल्‍म के डायरेक्टर रजनीश मिश्रा ने बताया कि यह दृश्‍य फिल्‍म का एक महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा होने के साथ–साथ आम लोगों के लिए एक संदेश भी है कि वे अंधविश्‍वास, भूत प्रेत, जादू टोना जैसी चीजों में न पड़ें.
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फिल्म डमरू की शूटिंग के दौरान खेसारी लाल यादव

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फिल्‍म के निर्माता प्रदीप शर्मा ने कहा कि यह फिल्‍म मिथिला के अनन्‍य शिव भक्‍त विद्वान विद्यापति और उनके द्वारा शिव को धरती पर ले आने की कहानी से प्रेरित है. जिसे इस फिल्‍म में आधुनिक तरीके से फिल्‍माया जा रहा है. उन्‍होंने कहा कि यह भोजपुरी सिनेमा में पहली बार होगा, जब इस कॉन्सेप्ट पर कोई फिल्‍म बन रही है. हमारा कॉन्सेप्ट बिलकुल वैसा है, जैसे प्रकाश झा की फिल्‍म ‘राजनीति’ का था. वह कहीं न कहीं महाभारत से प्रेरित फिल्‍म थी, जिसे वर्तमान हालात से जोड़कर फिल्‍माया गया था. ठीक उसी प्रकार हमारी फिल्‍म की भी कहानी है. जिसमें कई संदेश भी हैं.

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प्रदीप शर्मा ने बताया कि इस फिल्‍म के जरिए बिहार के दो भाषाओं के लोगों का जुड़ाव होगा. हमारा उद्देश्‍य भोजपुरी सिनेमा के उन सभी लोगों, खासकर महिलाओं के बीच ले जाने का है, जो भोजपुरी फिल्‍मों से रूठे हैं. हमारा मकसद इस फिल्‍म से सिर्फ पैसा कमाना नहीं है, बल्कि आम भोजपुरिया दर्शकों को सिनेमाघरों के अंदर लाना है. जो अभी तक घर पर बैठ बिना देखे ही भोजपुरी फिल्‍मों की आलोचना करते रहते हैं.

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