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भगवान विष्णु के नाम की शुरूआत श्री से क्यों होती है, यहां जानिए इसके पीछे की खास वजह

Dharm news : हिन्दू धर्म में अनेक देवी देवताओं को पूजा जाता है. वेदों, पुराणों उनकी ऋचाओं में सभी देवी-देवताओं और उनके कार्य, चमत्कार, उदभव का विस्तार से उल्लेख मिलता है. जिसमें भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों के बारे में भी अंकित है.

Edited by Updated : December 10, 2022 10:11 AM IST
भगवान विष्णु के नाम की शुरूआत श्री से क्यों होती है, यहां जानिए इसके पीछे की खास वजह
ऐसा इसलिए क्योंकि श्रीहरि Vishnu के नाम के आगे लगने वाले 'श्री' का अर्थ 'महालक्ष्मी' है.
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Lord Vishnu : कहा जाता है कि जब सृष्टि का आरम्भ हुआ तब श्री हरि विष्णु ही थे. उन्होंने ही सृष्टि के विस्तार के लिए अपनी नाभि से कमल पर ब्रह्मा जी का अवतरण किया था. ब्रह्मा जी ने संसार को बनाया तो भगवान विष्णु इस संसार का पालन करते हैं. वैदिक शास्त्रों के अनुसार सभी देवता पूजनीय हैं लेकिन भगवान विष्णु का नाम 'श्री' शब्द के साथ ही लिया जाता है. यही नहीं उनके अवतारों के नाम के साथ भी श्री (shri shabd) शब्द लगाया जाता है. इसका कारण शास्त्रों में भी दिया गया है.

शास्त्रों में मिलता है उल्लेख

हिन्दू धर्म में अनेक देवी देवताओं को पूजा जाता है. वेदों, पुराणों उनकी ऋचाओं में सभी देवी-देवताओं और उनके कार्य, चमत्कार, उदभव का विस्तार से उल्लेख मिलता है. जिसमें भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों के बारे में भी अंकित है. लेकिन इतने सारे शास्त्र, पुराण पढ़ने के बाद हमने कभी ये नहीं सोचा कि भगवान विष्णु के नाम के आगे ही 'श्री' शब्द का प्रयोग किया गया है. यही नहीं उनके अवतारों के नाम के आगे भी 'श्री' लगाया जाता है. जैसे श्रीहरि, श्री राम, श्री कृष्ण आदि. मन में प्रश्न उठता है की ऐसा क्यों? तो हम बता दें कि ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि महालक्ष्मी उनके साथ रहती हैं.

ये है 'श्री' का अर्थ

यूं तो 'श्री' शब्द सम्मान के लिए बोला जाता है.अपने से बड़े या फिर कोई गणमान्य के लिए श्री शब्द लगया जाता है लेकिन ये हैरानी की बात है कि देवताओं में इसका प्रयोग केवल भगवान विष्णु के नाम के आगे ही किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि श्रीहरि विष्णु के नाम के आगे लगने वाले 'श्री' का अर्थ 'महालक्ष्मी' है. महालक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी भी हैं और महालक्ष्मी के कई नामों में से एक उनका नाम 'श्री' भी है. ये सभी जानते है कि महालक्ष्मी 'ऐश्वर्य प्रदान करती हैं. दोनों को एक रूप पूजने और सम्मान देने के कारण ही हम भगवान विष्णु के नाम के आगे श्री लगाते हैं.

अवतारों के नाम में भी लगता है श्री

भगवान विष्णु के नाम के आगे ही नहीं उनके अवतार राम और कृष्ण के नाम में भी 'श्री' शब्द का प्रयोग किया जाता है. कारण ये है कि जब जब श्री विष्णु जी ने अवतार लिया माता लक्ष्मी भी उनके साथ इस धरती पर आईं. श्री राम के साथ सीता माता तो भगवान कृष्ण के साथ उनकी पत्नी रुक्मिणी को भी लक्ष्मी जी का ही अवतार बताया गया है. इसलिए उन्हें एकाकार करते हुए 'श्री राम' और 'श्री कृष्ण'  बोला जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)