
Tripushkar Yoga kya hota hai: सितंबर का महीना कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इस महीने कई योग बन रहे हैं। इस दौरान 4 सितंबर को रवि योग और अमृत सिद्धि योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। लेकिन यहां हम बात करेंगे त्रिपुष्कर योग की। सितंबर 2025 में 13 सितंबर को त्रिपुष्कर योग बन रहा है। इसे ज्योतिष में एक योग शुभ योग माना जाता है। खास बात यह है कि इस योग में किए गए कार्य का तीन गुणा फल मिलता है।
त्रिपुष्कर योग में धन संबंधी कार्य करना अच्छा होता है। हालांकि ग्रहों के विपरीत प्रभाव में अशुभ प्रभाव में भी तीन गुणा बढ़ोतरी हो जाती है। अब 13 सितंबर को कृतिका नक्षत्र में सुबह 7.24 बजे से सुबह 10.11 बजे तक यह योग बन रहा है। त्रिपुष्कर योग हर महीने बनता है। आइए जानते हैं, इसके शुभ और अशुभ प्रभाव के बारे में।
कैसे बनता है त्रिपुष्कर योग
त्रिपुष्कर योग भद्रा तिथि में बनता है. ऐसे में जब रविवार, मंगलवार और शनिवार के दिन द्वितीया, सप्तमी या द्वादशी तिथि हो और उसमें विशाखा, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, पूर्वाभाद्रपद, पुनर्वसु या कृत्तिका नक्षत्रों में से कोई एक हो तब त्रिपुष्कर योग बनता है.
त्रिपुष्कर योग के सकारात्मक परिणाम
त्रिपुष्कर योग में धन से जुड़े कार्य शुभ माने जाते हैं. प्रोपर्टी खरीदना भी शुभ होता है. व्यापार संबंधि कार्यों के लिए भी यह योग अच्छा होता है. इस योग में खासकर धार्मिक कार्य, तीर्थ यात्रा या धन संबंधी कार्य करने चाहिए, ताकि आपको इसका बेहतर परिणाम मिल सके. अगर आप व्यापार से जुड़ा कोई बड़ा सौदा करना चाहते हैं तो यह योग बिल्कुल उपयुक्त माना जाता है. चूंकि इस योग में आप जो भी काम करते हैं, उसके तीन बार पुनरावृत्ति की संभावना होती है. ऐसे में अच्छे काम ही करने चाहिए.
त्रिपुष्कर योग के नकारात्मक परिणाम
हर योग के साथ सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम जुड़े होते हैं. ऐसे में त्रिपुष्कर योग के शुभ मुहूर्त में कोई शुभ काम किया जाए तो उसका तीन गुना प्रभाव देखने को मिलता है. इस कारण गलत कार्य से परहेज करना, चाहिए क्योंकि वह भी तीन गुणा होकर मिलेगा. इसलिए इस योग में किसी भी कीमती वस्तु के बेचने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसके परिणाम अशुभ हो सकते हैं. इसलिए इस योग में कोई भी गलत काम करने से बचना चाहिए. खास तौर पर इस योग में कठिन कार्य से भी परहेज करना चाहिए, अन्यथा परेशानी हो सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)