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शिवलिंग पर भक्त जान लें बेल पत्र चढ़ाने का सही तरीका, फिर प्रसन्न होकर भगवन करेंगे हर मनोकामना पूरी

अगर आप भी हैं सब भक्तों और सावन में करते हैं भोलेनाथ की आराधना, तो शिवलिंग में इस तरह चढ़ाएं बेलपत्र. होंगी सभी मनोकामनाएं पूर्ण.

Edited by Updated : July 07, 2023 9:21 AM IST
शिवलिंग पर भक्त जान लें बेल पत्र चढ़ाने का सही तरीका, फिर प्रसन्न होकर भगवन करेंगे हर मनोकामना पूरी
बेलपत्र अर्पित कर भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं तो उसका सही तरीका भी जान लीजिए.
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Right Way To Offer Bel Patra : सावन माह आते ही शिव मंदिरों (Shiva Temples) भगवान शिव के भक्तों का रेला लगता है. बड़ी तादाद में मंदिर (Temples) पहुंच कर भक्त भगवान शिव की आराधना (Worship Lord Shiva) करना चाहते हैं. वैसे तो भगवान शिव का पूजन पूरे साल होता है लेकिन सावन मास (Saavan) में उनके पूजन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. ये भी मान्यता है कि स्वयं भगवान शिव को ये माह अति प्रिय होता है. इस महीने में उनका पूजन करने के लिए भक्त बेल पत्र, (Bel Patra) धतूरा, जल, दूध, शहद आदि का प्रयोग करते हैं. शिवालयों में भीड़भाड़ के चलते पूजन की जल्दबाजी में बस ये सामग्री शिवलिंग (Shivling) पर अर्पित कर आगे बढ़ जाते हैं. लेकिन बेलपत्र अर्पित कर भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं तो उसका सही तरीका भी जान लीजिए.

बेल पत्र चढ़ाने का सही तरीका (Right Way To Offer Bel Patra To Lord Shiva)

माधुरी मधु 111 ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से एक वीडियो शेयर किया है जिसमें बेल पत्र को अर्पित करने का सही तरीका बताया है. इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है कि सावन के महीने में भगवान शिव को हमेशा पांच जगह बेल पत्र अर्पित करना जरूरी होता है.

  • इन पांच जगहों में से सबसे पहले बेल पत्र भगवान शिव के निष्ठावान भक्त नंदीश्वर को चढ़ाना चाहिए. 
  • इसके बाद दूसरा बेल पत्र जलहरी पर उस स्थान पर चढ़ाना चाहिए जो भगवान गणेश का स्थान होता है. यानी कि जलहरी पर सीधे हाथ की तरफ बेल पत्र चढ़ाएं.
  • तीसरा बेल पत्र चढ़ाना है जहां शिवलिंग जलहरी से मिलता है. उस स्थान पर बेल पत्र रख दें.
  • चौथा बेल पत्र उस कलश में अर्पित करना चाहिए जिससे धीरे धीरे शिवलिंग पर जल गिरता है.
  • अब बचा आखिरी बेल पत्र. ये बेल पत्र उस शिवलिंग के ऊपर अर्पित करना है. जिसका पूजन आप कर रहे हैं. 

बेलपत्र का महत्व
बेल पत्र को भगवान शिव पर अर्पित करने को लेकर अलग अलग मान्यताएं हैं. एक मान्यता के मुताबिक भगवान शिव ने जब विष का घूंट पिया तब बेल पत्र ने ही उनको राहत दी. एक मान्यता ये भी है कि बेल पत्र की तीन पत्तियां भगवान शिव के त्रिनेत्र का प्रतीक हैं. इसलिए भगवान शिव को ये पत्र अतिप्रिय होते हैं. और इन्हें अर्पित करने वालों पर शिवजी प्रसन्न भी होते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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