श्रुति चौधरी हरियाणा के तीन लालों में से एक बंसीलाल की पोती हैं. बंसीलाल तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं.उनका परिवार परंपरागत रूप से कांग्रेसी है.श्रुती को कांग्रेस ने 2009 में लोकसभा का टिकट दिया था. वो भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से सांसद चुनी गई थीं. लेकिन इसके बाद वो नहीं जीत पाईं.वो 2024 के लोकसभा चुनाव में भी टिकट की दावेदार थीं. लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इसके बाद वो अपनी मां किरण चौधरी के साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गईं. बीजेपी ने उन्हें परंपरागत सीट तोशाम से टिकट दिया है.
तोशाम सीट एक ऐसी सीट है, जिसका प्रतिनिधित्व श्रुती के दादा के अलावा उनके पिता और मां भी कर चुके हैं.श्रुती के पिता सुरेंद्र सिंह की 2005 में एक हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी. इसके बाद उनकी मां किरण चौधरी दिल्ली की राजनीति छोड़ हरियाणा की राजनीति में सक्रिय हुई्ं.उन्होंने तोशाम का चार बार प्रतिनिधित्व किया. श्रुती चौधरी राजनीति में अपनी मां के साथ ही सक्रिय रहीं.लेकिन उन्हें पहली सफलता 2009 में मिली,जब वो महेंद्रगढ़-भिवानी सीट से लोकसभा के लिए चुनी गईं. श्रुती की शादी अरुणाभ चौधरी से हुई है. वो पेशे से एक वकील हैं. बीजेपी ने किरण चौधरी को राज्यसभा भेज दिया है. वहीं उनकी सीट तोशाम से श्रुती को टिकट दिया. वहां श्रुती का मुकाबला अपने चचेरे भाई और कांग्रेस उम्मीदवार अनिरुद्ध चौधरी से है.
चुनाव नामांकन के साथ जमा कराए गए हलफनामे के मुताबिक श्रुती के पास 16 करोड़ 25 लाख 8 हजार रुपये की चल संपत्ति है. वहीं अगर अचल संपत्ति की बात की जाए तो वह 79 करोड़ 38 लाख 43 हजार की है. श्रुति के पास एक बीएमडब्ल्यू कार के अलावा 10 किलो 950 ग्राम सोना और 75 किलो चांदी है. उनके ऊपर करीब चाढ़े चार करोड़ का कर्ज है.