कुछ तो फूल खिलाए हैं, बाग में अब भी कांटे कुछ पुराने हैं : जेटली

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करने के दौरान सरकार की उपलब्धियों गिनाते हुए संसद में एक जुमला भी पेश किया, जिसे सासंदों की खूब वाह-वाही मिली।

जेटली ने पिछली यूपीए सरकार की नीतियों की ओर इशारा करते हुए कहा, "कुछ तो फूल खिलाए हैं, कुछ अभी खिलाने हैं, पर बाग में अब भी कांटे कुछ पुराने हैं।" बीजेपी सासंदों ने अपनी मेजें थपथपाकर इस जुमले का स्वागत किया।

जेटली ने अपने बजट भाषण में सरकार की कुछ सफलताओं का उल्लेख किया, जिनमें 'जन धन योजना', 'कोयला ब्लॉक नीलामी' और 'स्वच्छ भारत अभियान' शामिल हैं।

जेटली बजट भाषण के दौरान बीच में बैठ गए और उसके बाद उन्होंने बजट पढ़ना जारी रखा। पिछले साल भी जेटली अपने बजट भाषण के दौरान कमर दर्द की वजह से बैठ गए थे और बैठकर ही अपना भाषण पूरा किया था। जेटली लगातार कमर दर्द से जूझ रहे हैं।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शनिवार को जेटली के बजट भाषण के दौरान उनसे पूछा कि क्या वह बैठना चाहते हैं। इस पर जेटली ने उनका आभार व्यक्त करते हुए जवाब दिया कि उन्हें जब आवश्यकता महसूस होगी, वह बैठ जाएंगे। जेटली अपना भाषण शुरू करने के लगभग आधे घंटे बाद ही बैठ गए।


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