हरियाली विहीन सूखे मैदान में यदि चरवाहा (Shepherd) अपने जानवरों के साथ है तो उसके लिए भी अपना पेट भरना मुश्किल हो सकता है. घास न मिलने से परेशान भूखे जानवर चरवाहे के ही मुंह का निवाला छीन सकते हैं. ऐसे ही एक वाकये का वीडियो ट्विटर पर वायरल हो रहा है. इसमें अपने लिए लंच तैयार कर रहे चरवाहे को भेड़ (Sheep) और खच्चर (Mule) के कारण अपने भोजन से हाथ धोते हुए देखा जा सकता है.
ट्विटर पर अमेरिका के एक यूजर तांसु येगेन ने यह वीडियो शेयर किया है. इसमें एक चरवाहा बड़े जतन के साथ प्लेट में ब्रेड रखकर अपने लिए चाय तैयार कर रहा है. वह गर्मागर्म चाय कप में निकालता है और इसी बीच एक भेड़ आकर उसकी एक ब्रेड मुंब में दबाकर भाग जाती है. भेड़ के साथ उसका मेमना भी है.
भेड़ की हरकत से भौंचक्क चरवाहा उसके पीछे दौड़ता है. इसी बीच चरवाहे का खच्चर मौके का फायदा उठाता है और बाकी बची दूसरी ब्रेड मुंह में दबा लेता है. चरवाहा भागता हुआ उसके पास आता है तो वह उस पर दुलत्ती झाड़ता है. चरवाहा उससे बचता है और इसी बीच भेड़ फिर आती है और बाकी रह गए ब्रेड के एक टुकड़े को हड़पने की कोशिश करती है. हालांकि चरवाहा उसे वह नहीं छीनने देता.
इस वीडियो को बहुत सारे यूजर्स ने रीट्वीट किया है और रोचक कमेंट किए हैं. एक यूजर समीम खान ने लिखा, 'IMF और आर्मी के बीच फंसे पाकिस्तानी लोग.' एक यूजर ने कहा- 'इन जानवरों को दोष नहीं दूंगा, कहीं भी आसपास घास नजर नहीं आ रही.' एक अन्य ने लिखा, 'चरवाहे की जिंदगी बहुत अच्छी जिंदगी है.'
ट्वीटर पर एक यूजर ने कहा- 'खच्चर ही इस सबका मास्टरमाइंड है.' एक अन्य यूजर ने लिखा- 'भेड़ की बेशर्म चोरी और गधे की बेशर्म विजय. किसी भी तरह, दोनों ने इसे अर्जित किया. अगर उस चरवाहे की जगह मैं होता तो उस व्यक्ति पर नाराज हो जाता जो सिर्फ खड़े होकर वीडियो बना रहा था और मेरा लंच चोरी हो रहा था.'
हर्ष गोयनका ने इस वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा 'मुझे बहुत हंसी आई.' एक यूजर ने कहा - 'महंगाई.' संजीव राव नाम के यूजर ने लिखा - 'खुला आकाशीय किचन, जहां प्रत्येक प्राणी के अपने अधिकार हैं!' एक प्रतिक्रिया में कहा गया- 'क्या पिया कुछ नहीं, ग्लास तोड़ा 12 आना.'
एक यूजर ने कहा- 'हंसी सबसे अच्छी दवा है, लेकिन यह मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलती. इसके लिए इस वीडियो क्लिप का आनंद लें.' एक कमेंट था, 'भूख जीवों को बेचैन कर देती है.' एक यूजर ने कहा- 'ईमानदारी से कोई भी काम करना आसान नहीं होता.' एक अन्य यूजर ने लिखा- 'वर्तमान में भारत में जो हो रहा है उसकी प्रतिकृति. बिना किसी राजनीतिक रंजिश के व्यक्त करने का सूक्ष्म और चालाक तरीका.'