Train 3AC Lower Berth Fight: कभी-कभी छोटी-सी बात बड़ी बहस बन जाती है. कुछ ऐसा ही हुआ एक 21 साल के स्टूडेंट के साथ, जिसने ट्रेन में अपनी लोअर बर्थ छोड़ने से मना किया और देखते ही देखते पूरा किस्सा सोशल मीडिया पर छा गया. ये मामला एक रेडिट पोस्ट से वायरल हुआ, जहां लड़के ने अपने साथ घटी घटना साझा की. वो 3AC में सफर कर रहा था, 12 घंटे का लंबा सफर और किस्मत से उसे नीचे की सीट (लोअर बर्थ) मिली थी. कॉलेज का थीसिस प्रेजेंटेशन तैयार करना था, इसलिए उसने सोचा था कि सीट पर बैठकर आराम से काम करेगा.
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बातों से शुरू हुआ मामला, फिर बढ़ गया सीट तक (train 3AC viral story)
ट्रेन चल रही थी कि तभी कुछ आंटियां उसके बगल में आकर बैठ गईं. पहले उन्होंने दोस्ताना अंदाज में उससे बातें कीं 'कौन-से कॉलेज में पढ़ते हो बेटा? कहां जा रहे हो?' लड़के को तुरंत अंदेशा हो गया कि अब अगली लाइन होगी, 'बेटा, अपनी सीट दे दो न.' और हुआ भी वही. आंटियों ने कहा कि उन्हें नीचे की सीट चाहिए, लेकिन लड़के ने विनम्रता से मना कर दिया क्योंकि उसे काम करना था और उसके बैग नीचे रखे थे. बस फिर क्या था, वहां का माहौल गर्म हो गया.
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Whose fault is this??
byu/Anundercover__wizard inindianrailways
बच्चा ऊपर जाएगा से लेकर IRCTC दोषी है तक- हुई खूब बहस (train seat drama)
लड़के के मना करने पर आंटियों ने उसे ही दोषी ठहराना शुरू कर दिया. किसी ने कहा कि, 'महिलाओं को ऊपर क्यों भेज दिया?' तो किसी ने IRCTC को जिम्मेदार बताया. यहां तक कि उनकी सहेलियां भी बार-बार वही बात दोहराने लगीं, 'हमारा बच्चा ऊपर जाएगा, तुम नीचे क्यों बैठे हो?' लड़का चुप रहा, लेकिन अंदर से परेशान था. उसने पोस्ट में लिखा, 'अब मुझे समझ नहीं आया कि गलती मेरी थी, उनकी या सिस्टम की? क्या अपनी बुक की हुई सीट पर बैठना भी आज के दौर में गलत है?'
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Reddit पर मचा बवाल 'अपनी सीट पर हक जताना गलत नहीं' (Indian Railways lower berth fight)
पोस्ट वायरल होने के बाद कमेंट सेक्शन में यूजर्स दो भागों में बंट गए. कई लोगों ने लिखा, 'अपनी सीट छोड़ना आपकी मर्जी है, मजबूरी नहीं.' एक यूजर ने कहा, 'आप तय करें कि अच्छा इंसान बनना है या समझदार यात्री.' दूसरे यूजर ने लिखा, 'Kindness अच्छी बात है, लेकिन अपनी comfort की कीमत पर नहीं.'
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