गर्भवती महिलाओं को हृदय रोग या मधुमेह से मृत्यु का अधिक खतरा पैदा हो जाता है- शोध

प्रमुख अध्ययनकर्ता स्टेफनी हिंकल ने कहा, ‘‘हमने दिखाया है कि मौजूदा दिशानिर्देशों के भीतर गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने से जीवन में बाद में संभावित नकारात्मक प्रभावों से बचाव हो सकता है, और यह मातृ स्वास्थ्य और बच्चे के स्वास्थ्य दोनों के लिए अल्पकालिक लाभ के साक्ष्य पर आधारित है.’’

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गर्भावस्था के दौरान अधिक वजन बढ़ने पर गर्भवती महिलाओं को हृदय रोग या मधुमेह से मृत्यु का अधिक खतरा पैदा हो जाता है. ‘द लांसेट' पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि वजन के आधार पर जिन समूहों में अध्ययन किया गया, उन सभी में मृत्यु दर का जोखिम अधिक देखा गया. वजन के आधार पर ये समूह गर्भावस्था से पहले कम वजन वाली महिलाओं, सामान्य वजन वाली महिलाओं या अधिक वजन वाली महिलाओं के थे.

उन्होंने अमेरिका की 45,000 से अधिक महिलाओं के 50 वर्ष के आंकड़ों का विश्लेषण किया जिसमें उनके बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और गर्भावस्था के दौरान वजन में उतार-चढ़ाव के आंकड़े शामिल थे. यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया में पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ताओं के नेतृत्व में हुए अध्ययन में गर्भवती होने से पहले से जिन महिलाओं को मोटापा था, उनमें कोई जोखिम नहीं पाया गया.

प्रमुख अध्ययनकर्ता स्टेफनी हिंकल ने कहा, ‘‘हमने दिखाया है कि मौजूदा दिशानिर्देशों के भीतर गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने से जीवन में बाद में संभावित नकारात्मक प्रभावों से बचाव हो सकता है, और यह मातृ स्वास्थ्य और बच्चे के स्वास्थ्य दोनों के लिए अल्पकालिक लाभ के साक्ष्य पर आधारित है.''

हिंकल जाहिर तौर पर अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के गर्भावस्था दिशानिर्देशों का जिक्र कर रही थीं जिनके अनुसार कम वजन वाली महिलाओं का वजन 12.5-18 किलोग्राम से अधिक नहीं बढ़ना चाहिए, वहीं मोटापा ग्रस्त महिलाओं का वजन 5.10 किलोग्राम से अधिक नहीं बढ़ना चाहिए.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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